विदर्भ

विद्यार्थी पर लैंगिक अत्याचार मामले में चौकीदार को तिहरी उम्रकैद

शाला संस्थापक को 6 माह का कारावास

नागपुर/दि. 1– बुटीबोरी की श्री जगदंब बहुउद्देशीय पिछडा वर्गीय संस्था द्वारा संचालित होलीक्रोस इंग्लिश मीडियम स्कूल के विद्यार्थी लैंगिक अत्याचार करने के प्रकरण में दो आरोपियों को विशेष न्यायालय ने सजा सुनाई है. मुख्य आरोपी रहे चौकीदार को तिहरी उम्रकैद और 40 हजार रुपए जुर्माना तथा प्रकरण दबाने का प्रयास करनेवाले शाला संस्थापक को 6 माह कारावास और 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. न्यायाधीश जे. ए. शेख ने यह फैसला सुनाया. शिक्षण संस्था के संस्थापक को ऐसे प्रकरण में सजा होने से शैक्षणिक क्षेत्र में खलबली मच गई है. सजा सुनाए गए आरोपियों के नाम चौकीदार होमदेव उत्तम पडोले और संस्थापक अरुण शंकरराव हुसुकले है. यह घटना 22 दिसंबर 2016 को उजागर हुई.
जानकारी के मुताबिक नागपुर बुटीबोरी मार्ग पर होलीक्रोस निवासी शाला है. जहां पहली से दसवीं के विद्यार्थी शिक्षा लेते है. यहां अधिकांश विद्यार्थी अनुसूचित जनजाति के थे. 6 वीं में पढनेवाले विद्यार्थी को मिलने के लिए उसके पिता 19 दिसंबर 2016 को शाला में गए थे. चौकीदार ने फोन कर सूचना देकर संबंधित विद्यार्थी को बुला लिया. कुछ समय बाद पालक अपने बेटे को नाश्ता करवाने के लिए बाहर लेकर गए. बाहर जाते ही विद्यार्थी रोने लगा और इस शाला में न पढने की जीत करने लगा. इस कारण पालक ने उससे पूछताछ की. तब पिछले एक माह से चौकीदार शराब के नशे में उस पर लैंगिक अत्याचार करता रहने की बात बताई. साथ ही किसी को यह बात बताने पर जानसे मारने की धमकी भी उसने दी थी. इस बाबत पालक ने वॉर्डन से पूछताछ की तब मुख्याध्यापिका के पास जाने कहा गया. मुख्याध्यापिका के पास जाने पर उसने घटना की सारी जानकारी दी. मुख्याध्यापिका ने संस्था पर अरुण हुसुकले को बुलाया. उन्होंने पालक के सामने पीडित विद्यार्थी से इस बाबत पूछताछ की तब उसने आपबिती सुनाते हुए और चार विद्यार्थियों ने यह घटना देखी रहने की बात कही. इस कारण लैंगिक अत्याचार होने की बात स्पष्ट हुई. लेकिन संस्था चालक ने यह घटना किसी को न बताने अन्यथा बुरा होने की धमकी दी थी. पीडित विद्यार्थी के पालक ने बुटीबोरी थाने में शिकायत दर्ज की. इस आधार पर पुलिस ने धारा 377, 506, 34 सहित 3(1), (10), 3 (2), (5) अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार प्रतिबंधक कानून व 6, 8 बाललैंगिक अत्याचार कानून के तहत मामला दर्ज किया था. इस प्रकरण में न्यायालय ने 9 गवाहों को परखा. सरकार की तरफ से एड. रश्मी खापर्डे ने काम संभाला.

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