विदर्भ

नागपुर में धरे गए दो बांग्लादेशी

14 वर्षों से रह रहे थे नागपुर में

नागपुर /दि. 30– फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड व अन्य दस्तावेज तैयार कर विगत 14 वर्षों से नागपुर में रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिकों को नागपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पकडे गए दोनों आरोपी रिश्ते में सगे भाई है. जिन्हें एटीएस की नागपुर यूनिट व यशोधरा नगर पुलिस थाने के पथक ने संयुक्त रुप से कार्रवाई करते हुए धर दबोचा. पकडे गए आरोपियों के नाम अब्दुल रफिक अब्दुल हमीद खान (33) तथा मोहम्मद सलीम अब्दुल हमीद (30) बताए गए है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक मुखबिरों के जरिए मिली सूचना के बाद एटीएस की नागपुर यूनिट व यशोधरा नगर पुलिस का संयुक्त पथक इंदिरा माता नगर के कांजी हाऊस परिसर में रहनेवाले अब्दुल रफिक अब्दुल हमीद खान के घर तक पहुंचा. जहां पर अब्दुल रफिक सहित उसकी पत्नी और बेटे को जांच व पूछताछ हेतु हिरासत में लिया गया. इसी समय यह पता चला कि, अब्दुल रफिक का छोटा भाई मो. सलीम अब्दुल हमीद भी टिपू सुलतान चौक के पास रहता है. ऐसे में पुलिस ने दूसरे भाई को भी जांच व पूछताछ हेतु उठाते हुए उनके पास से भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड, मतदान कार्ड व पैन कार्ड जैसे दस्तावेजों को जब्त किया. इस समय जांच में पता चला कि, दोनों आरोपियों के अभिभावक तथा एक बहन बांग्लादेश में रहते है. साथ ही पुलिस के हाथ मो. सलीम का बांग्लादेशी जन्म प्रमाणपत्र सहित अन्य कुछ महत्वपूर्ण दस्तवेज भी लगे. जिनसे दोनों आरोपियों के बांग्लादेशी होने तथा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुद को भारतीय दिखाते हुए नागपुर में रहने की जानकारी स्पष्ट हुई. जिसके चलते दोनों भाईयों के खिलाफ पुलिस ने पासपोर्ट अधिनियम 1950 की धारा 3 (अ) व 6 के तहत अपराध दर्ज किया.

* गिरफ्तारी के डर से बांग्लादेश लौटे थे माता-पिता
सूत्रों के जरिए मिली जानकारी के मुताबिक कई वर्ष पहले दोनों आरोपियों के माता-पिता बांग्लादेश की सीमा पार कर अवैध तरिके से भारत आए थे और नागपुर पहुंचकर एक रिहायसी बस्ती में रहने लगे. पश्चात वर्ष 2007-08 में पुलिस द्वारा अवैध घुसपैठियों की तलाशी व गिरफ्तारी शुरु किए जाते ही गिरफ्तारी के डर से दोनों आरोपियों के माता-पिता उनके अन्य परिजनों के साथ बांग्लादेश वापिस लौट गए. लेकिन कुछ समय बाद दोनों भाई एक बार फिर नागपुर वापिस आए और तब से यहीं रह रहे है. नागपुर में रहने के दौरान ही दोनों आरोपियों ने इसी परिसर की युवतियों के साथ विवाह भी किया. विशेष बात यह है कि, वर्ष 2010 में तहसील पुलिस थाने के पथक ने संदेह के आधार पर सलीम को गिरफ्तार किया था. लेकिन आगे चलकर दस्तावेजों के अभाव की वजह से उसे छोड दिया गया.

* नागपुर में हो सकते है और भी अवैध बांग्लादेशी
उल्लेखनीय है कि, पुलिस के हस्ते चढे दोनों आरोपियों ने अपने नाम पर भारतीय पासपोर्ट बना रखा था और भारतीय पासपोर्ट पर बांग्लादेश की यात्रा भी की थी. इन दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के चलते अब कई बडे खुलासे हो सकते है. इन दोनों आरोपियों के संपर्क में और भी कई बांग्लादेशी नागरिकों के रहने की पूरी संभावना है. जिसे ध्यान में रखते हुए पुलिस द्वारा कडाई के साथ जांच की जा रही है.

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