विदर्भ

कर्ज से त्रस्त होकर दो किसान की आत्महत्या

नागपुर/प्रतिनिधि दि.२ – नापिकी और बढते कर्जे से तंग आकर विदर्भ के दो किसानों ने आत्महत्या की. यह घटना गडचिरोली और यवतमाल जिले में घटीत हुई. गडचिरोली जिले की धानोरा तहसील के रांगी स्थित संजय घनश्याम मावले इस किसान ने स्वयं के ही खेत में कर्जे से तंग आकर आत्महत्या करने की घटना 31 मार्च की शाम घटीत हुई. संजय मावले (40) के पास 5 से 6 एकड खेती है. उन्होेंने खेती के लिए बैंक की ओर से 43 हजार रुपए का कर्जा लिया था तथा महिला बचत गट की ओर से 20 हजार रुपए तथा अन्य 25 हजार रुपए इस तरह कुल 1 लाख के आसपास उनके पास कर्जा रहने से उनकी मानसिकता ठीक नहीं थी. 31 मार्च को कर्जे के पैसे भरने थे. इस कारण वे व्दिधा मनस्थिति में थे. कर्ज के रकम की वापसी करना संभव न रहने से उन्होंने खेत में जहर पिकर आत्महत्या की. शुरु मौसम में आवश्यक प्रमाण में उत्पन्न नहीं हुआ. पिछले उत्पन्न की भरपाई करने के लिए उन्होंने ग्रीष्मकालीन धान बोया था. उसके लिए बडी मात्रा में पैसे खर्च किये. दूसरी ओर घर खर्च कैसे करना, कर्जे की किश्त कैसे फेडना, इसी संकट में उन्होंने आत्महत्या की. उनके पश्चात पत्नी संजना, 8 वर्ष की बेटी व 5 वर्ष का बेटा है. आत्महत्या की दूसरी घटना यवतमाल जिले के पिंपलापुर (रालेगांव) में हुई. यहां के युवा किसान निखिल ज्ञानेश्वर मालेकर ने पेड को फांसी लगाकर आत्महत्या की. यह घटना बुधवार को सुबह प्रकाश में आयी. नापिकी व बढते कर्जे के चलते वे संकट में थे. उनके पास 5 एकड खेती है. मध्यवर्ती बैंक शाखा रालेगांव के 70 हजार रुपए व निजी कर्ज था. बुधवार को देर रात वे घर से बाहर गए और खेत में उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या की.

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