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सिलेंडर विस्फोट में गई दो लोगों की जान, एक गंभीर

वरुड में घटित हुआ अजीबो-गरीब मामला

* एक व्यक्ति ने खुद को फांसी लगाने से पहले घर में दो सिलेंडर किये लीक
* फांसी लगाने वाले को बचाने के लिए दरवाजा खोलते ही सिलेंडरों में लगी आग
* विस्फोट में झुलसने से फांसी लगाने वाले सहित उसे बचाने आये एक की मौत
* गंभीर रुप से घायल व्यक्ति का चल रहा इलाज, पुलिस कर रही मामले की जांच
वरुड/दि.2– जिले के वरुड शहर स्थित भवानी चौक परिसर में आज तडके 4 बजे के आसपास उस समय अचानक हडकंप मच गया, जब एक घर में एक के बाद एक दो गैस सिलेंडरों में भीषण विस्फोट हुआ. इस समय लगी आग में बुरी तरह झुलसकर दो लोगों की मौत हो गई. वहीं एक व्यक्ति गंभीर रुप से घायल हुआ. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस का दल तुरंत मौके पर पहुंचा. जिसके बाद एक अजीबो-गरीब कहानी सामने आयी. जिसके मुताबिक भवानी चौक परिसर में रहने वाले शंकर बुले ने पारिवारिक विवाद के चलते अपने घर में खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या करने का कदम उठाया और फांसी लगाने से पहले घर के रसोईघर व बाथरुम में रखे गैस सिलेंडरों का नॉब खोलकर गैस को लीक कर दिया. वहीं शंकर बुले को बचाने हेतु जब उसका साला श्यामलाल चौधरी व साले का बेटा ऋषिकेश चौधरी कमरे में पहुंचे, तो संभवत: इलेक्ट्रीक स्वीच ऑन करने की वजह से घर में फैली हुई गैस ने आग पकड ली. जिसके चलते दोनों सिलेंडरों ने विस्फोट हो गया. इस अजीबो-गरीब मामले को लेकर वरुड शहर सहित परिसर में अच्छा खासा हडकंप व्याप्त है.

जानकारी के मुताबिक मुलत: मध्यप्रदेश के निवासी सौंसर निवासी शंकर बुले (55) का विवाह वरुड स्थित चौधरी परिवार की बेटी के साथ कई साल पहले हुआ था. लेकिन विवाह के कई वर्ष बाद भी संतान नहीं होने के चलते शंकर बुले ने करीब 8-10 साल पहले सौंसर स्थित अपनी संपत्ति बेच दी थी और वे वरुड शिफ्ट हो गये थे. जहां पर वे अपनी पत्नी को लेकर भवानी चौक स्थित अपने साले श्याम वामनराव चौधरी के निवासस्थान पर ही उपरी मंजिल पर रहा करते थे और श्याम चौधरी अपनी पत्नी, बेटे व मां के साथ निचली मंजिल पर रहते है. कुछ समय तक तो जीजा शंकर बुले और साले श्याम चौधरी के परिवारों के बीच सबकुछ ठीकठाक चल रहा था, लेकिन पिछले कुछ समय से दोनों परिवारों के बीच अनबन होने लगी थी.

जिससे मानसिक तौर पर पहले ही परेशान रहने वाले शंकर बुले और भी अधिक परेशान रहने लगे थे, ऐसी जानकारी है. अपनी इसी परेशानी के चलते शंकर बुले ने आत्महत्या करने की सोची और उपरी मंजिल पर स्थित अपने कमरे में रस्सी के जरिए फांसी का फंदा भी बनाया. लेकिन इससे पहले शंकर बुले ने किचन और बाथरुम में रखे गैस सिलेंडरों का नॉब खोलकर गैस को लीक कर दिया. अनुमान यह भी जताया जा रहा है कि, शंकर बुले ने ही फांसी लगाने से पहले खुद ही घर में आग लगाई और फिर खुद को फांसी लगाई. घर में आग लगाने की बात ध्यान में आते ही श्याम चौधरी व उनके बेटे ऋषिकेश चौधरी नींद से जाग गये तथा उन्होंने अपने परिजनों को सुरक्षित बचाने के साथ ही घर में लगी आग को बुझाने का भी प्रयास किया. परंतु इस चक्कर में 25 वर्षीय ऋषिकेश चौधरी की बुरी तरह से झुलसकर मौत हो गई.

वहीं आग की लपटे उपरी मंजिल तक पहुंच जाने के चलते शंकर बुले द्वारा फांसी लगाने हेतु उपयोग में लायी गई नॉयलॉन की रस्सी पिगल गई और वह पहली मंजिल की स्लैब से सीधे नीचे गिर पडा. इसी दौरान घर में लगी आग की वजह से दोनों सिलेंडरों में जोरदार विस्फोट भी हो गया. जिसकी आवाज सुनकर अडोस-पडोस में रहने वाले लोगबाग हडबडाकर जाग उठे तथा चौधरी परिवार के घर की ओर दौडते हुए आग बुझाने का प्रयास करने लगे. इस समय तक पुलिस सहित वरुड एवं शेंदूरजनाघाट से अग्निशमन दल के पथक भी मौके पर पहुंच चुके थे. जिन्होंने आग पर काबू पाने के बाद इस आग में बुरी तरह से झुलसे श्याम चौधरी व ऋषिकेश चौधरी को बाहर निकाला. जिसमें से ऋषिकेश चौधरी की मौत हो चुकी थी. वहीं गंभीर रुप से घायल रहने वाले श्याम चौधरी को इलाज हेतु नागपुर रेफर किया गया.

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