नागपुर में दो बाघों की मृत्यु
नागपुर प्रतिनिधि/१५ – जिले में विगत दो दिनों में दो बाघों की मौत हुई है. उमरेड करांड में अभयारण्य अंतर्गत करांड में नियत क्षेत्र में बाघों के 6 से 7 माह के शावक की एवं पेंच व्याघ्र प्रकल्प की जख्मी बाघिन की उपचार के बार केंद्र में मौत हो गई.
उमरेड करांडला अभयारण्य अंतर्गत करांडला नियत क्षेत्र के कक्ष क्रमांक 1415 में बाघों का बछड़ा वनरक्षकों को गश्त के दरमियान मृतावस्था में पाया गया. वह टी-1 बाघिन का था. दो-तीन दिनों से टी-1 बाघीन टी-9 बाघ के साथ इस परिसर में घूम रही थी.घटनास्थल परिसर में टी-9 बाघ शनिवार को पर्यटकों को दिखाई दिया था. उसने ही बछड़े को मारा होगा, ऐसा प्राथमिक अंदाज है. टी-9 बाघ गत वर्ष ताडोबा से उमरेड पवनी करांडला अभयारण्य में आया था.
पेंच व्याघ्र प्रकल्प के खुले पिंजरे से नैसर्गिक अधिवास में छोड़ी गई बाघीन अन्य बाघिणीयों के हमले में जख्मी हो गई थी. इस कारण उसे फिर से पिंजरे में रखा गया था. शनिवार की रात उसकी मृत्यु हो गई. पांढरकवडा में गोली मारकर मार दी जाने वाली बाघीन उसकी मां थी. इस घटना से पिंजरे के बाघों को नैसर्गिक अधिवास में छोड़े जाने वाला विलंब और पद्धति पर प्रश्नचिन्ह निर्माण हुआ है.
पांढरकवडा की अवनी बाघिन को मारने के बाद उसकी मादी बछड़े को पेंच व्याघ्र प्रकल्प के खुले पिंजरे में रखा गया था. इस मादी बछड़े को शिकार के लिये प्रशिक्षित कर हाल ही में जंगल में छोड़ा गया था. लेकिन अन्य बाघिनियों के हमले में उसका दाहिना पैर जख्मी हो गया था. जिसके उसे फिर से पिंजरे में रखा गया था. त्रितलमांगी में उस पर उपचार किया गया. लेकिन शनिवार की शाम से तबियत बिगड़ जाने के कारण उसे गोरेवाडा में ले जाने की तैयारी की गई. दरमियान रात को 10 बजे के करीब उसकी मृत्यु होने की जानकारी पेंच व्याघ्र प्रकल्प के क्षेत्र संचालक रवीकिरण गोवेकर ने दी.