नागपुर/दि.15 – राज्य सरकार ने महामार्ग के लिए जमीन अधिग्रहण होने पर मिलनेवाला मुआवजा घटाने का फैसला लिया है. शुक्रवार को राज्य के राजस्व विभाग द्वारा जारी किए गए जीआर के अनुसार अब से भूखंड धारक को राज्य या राष्ट्रीय महामार्ग के लिए कृषि जमीन का अधिग्रहण होने पर 20 प्रतिशत और गैर कृषि जमीन का अधिग्रहण होने पर 60 प्रतिशत कम मुआवजा मिलेगा.
राज्य सरकार के इस कदम से भूखंड धारकों में निराशा फैल रही है. इसके पूर्व गैर कृषि जमीन महामार्ग के लिए अधिग्रहित होने पर 2 से गुणा किया जाता था. अब इसे घटाकर 1 कर दिया गया है. इससे यह स्पष्ट होता है कि मुआवजा आधा हो जाएगा. सभी प्रकार के भूखंडो का मुआवजा तय करते वक्त रेडिरेकनर के रेट को भी 20 प्रतिशत कम कर दिया गया है.
किसान विरोधी है फैसला
वहीं किसान नेता अमिताभ पावडे ने जीआर की आलोचना करते हुए इसे किसान और गरीब विरोधी करार दिया है. उन्होंने कहा कि हम मुआवजे में 500 की बढत की उम्मीद कर रहे थे, पर यहां तो सरकार ने मुआवजा 20 से 60 प्रतिशत तक घटा दिया है. राज्य सरकार किसान से उसकी आजीविका छीन कर पर्याप्त मुआवजा तक नहीं दे रही है. वहीं मामले में भाजपा विधायक समीर मेघे ने भी राज्य सरकार को आडे हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने समृध्दी महामार्ग के निर्माण के दौरान किसानों को भरपूर मुआवजा दिया था. वे सारे किसान आज समृध्द हो गए है. लेकिन वर्तमान सरकार तो किसानों को बर्बाद करने पर तुली है. हमारी पार्टी इस मुद्दे को सही मंच पर उठाएगी.
अब तक ज्यादा मिलता था मुआवजा – राज्य सरकार
राज्य सरकार के अधिकारियों के अनुसार किसानों को अब तक मिलने वाला मुआवजा बहुत ज्यादा हुआ करता था. जिससे नए महामार्गों के निर्माण में अडचनें आ रही थी. एक अधिकारी ने बताया कि इसी कारण से राज्य सरकार ने मुआवजा देने की नीति में संशोधन किया है.