विदर्भ

गांजा तस्करी के लिए रेलगाडी का उपयोग

आंध्रा, तेलंगणा, उडिसा के तस्कर सक्रीय

* साडेे तीन क्विंटल गांजा बरामद
नागपुर/ दि.8 – विभिन्न राज्यों में गांजे की खेप पहुंचाने के लिए अब तस्करों ने अलग-अलग राज्यों से दौडने वाली रेलगाडियों को टार्गेट बनाया है. गरीब महिला, पुरुषों को रुपयों का प्रलोभन देकर उनका कुरियर के रुप में उपयोग करने वाले गांजा तस्कर बेफिक्र होकर लाखों रुपयों के गांजे की तस्करी कर रहे है. पिछले छह माह में अकेले नागपुर में साडे तीन क्विंटल गांजा बरामद किया. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि, किस हद तक गांजा तस्कर सक्रीय है.
कुछ वर्ष पूर्व मध्य भारत से संलग्न रहने वाले आंध्र प्रदेश से नागपुर मार्ग होते हुए बडे पैमाने में गांजे की तस्करी की जाती थी. आंध्रप्रदेश, तेलंगना के वारंगल परिसर में बडे पैमाने में गांजे की फसल उगाई जाती थी और तस्कर सीधे ट्रक से गांजे की तस्करी करते थे. नागपुर ग्रामीण पुलिस ने एक के बाद एक कई गांजे से लदे ट्रक बरामद कर तेलंगना के गांजा तस्करों का पर्दाफाश किया. इसके बाद तस्करों ने किराये की टैक्सी से गांजे की तस्करी शुरु की. दिल्ली, भोपाल, इटारसी से कुरियर बुलाकर लाखों रुपयों की गांजे की खेप कुरियर के माध्यम से विभिन्न राज्य तक पहंचाई जाती थी. खासतौर पर कोरोना के दूसरी-तीसरी लहर के दौरान कई पाबंदी और परेशानी होने के बाद भी आंध्रप्रदेश, तेलंगणा से नागपुर मार्ग होते हुए लाखों रुपयों के गांजे की तस्करी किये जाने की बात कई बार उजागर हुई. इस बीच वाहनों के माध्यम से तस्करी करते समय जगह जगह पुलिस की जांच का सामना करना पडता था, इसके कारण पकडे जाने का खतरा ज्यादा होता. इस बात का ध्यान रखते हुए गांजा तस्करों ने तस्करी के लिए रेलगाडी का चयन किया. एक बोगी में गांजा रखकर दूसरी बोगी में यात्रा करना ऐसा सामान्य तोैर पर गांजा तस्करों का तरीका है.

उडीसा से होती है ज्यादा गांजा तस्करी
रेलगाडी के माध्यम से तस्करी करने वालों के खिलाफ फिलहाल अन्य प्रांतों की तुलना में उडिसा के गांजा तस्करों की संख्या ज्यादा है. फिलहाल उनकी ही गांजा तस्करी चल रही है, ऐसा बताया जा रहा हेै. उडिसा के मलकनगिरी क्षेत्र में गांजे का बडे पैमाने में उत्पादन किया जा रहा है. वहां के गांजा तस्कर अलग-अलग वजन के गांजे के पैकेट तैयार करते है और अलग-अलग प्रांत के गांजा विक्रेताओं के पास बेचते है. गांजे का एक पैकेट वजन के अनुसार कम से कम 10 हजार रुपए का होता है. रोजाना हजारों पैकेट अलग-अलग शहरों में भिजवाये जाते है.

कार्रवाई का स्वरुप
जनवरी से जून 2022 के बीच रेलगाडी से गांजे की तस्करी करने वाले 22 आरोपियों को रेलवे पुलिस ने गिरफ्तार किया. उनके पास से 359 किलों गांजा बरामद किया गया. बाजार में इस गांजे की कीमत 35 लाख 90 हजार रुपए बताई जा रही है. तस्करी करने वालों का तरिका इतना शातिराना होता है कि, वे अलग-अलग रेलगाडियों से गांजा ले जाने वाले 20 से 25 लोगों में से शायद ही कोई एक पुलिस के हाथ लगता है.

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