वैद्यकीय महाविद्यालय में पद रिक्त, शिक्षा के दर्जे का क्या?
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नागपुर /दि.11– केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन द्वारा प्रस्तुत किये गये 2025-26 के वित्तीय बजट में वैद्यकीय महाविद्यालय की 75 हजार सीटें बढाने की घोषणा की गई है. ऐसा रहा तो भी राज्य के शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय में शिक्षकों के 41 प्रतिशत पद अभी रिक्त है. इस कारण आगामी समय में विद्यार्थियों की संख्या बढी, तो उन्हें पूरी शिक्षा मिलेगी क्या, शिक्षा का दर्जा कैसे कायम रहेगा, ऐसा प्रश्न निर्माण हो गया है.
महाराष्ट्र के प्रत्येक जिले में एक शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय होना चाहिए, ऐसी शासन की नीति है. इसके मुताबिक वैद्यकीय महाविद्यालयों की संख्या बढ रही है. वर्तमान में राज्य की 35 शासकीय मेडिकल कॉलेज और अस्पताल है. नये 10 शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल इस वर्ष शुरु हुए है. इसमें 100 विद्यार्थी क्षमता वाले 8 तथा 50 सीटों वाले दो कॉलेज है. ऐसा रहते हुए राज्य में 4 हजार 38 मंजूर पद में से रिक्त रहे 2380 पद कब भरे जाएंगे, यह प्रश्न अभी भी कायम है. सीट बढाने का निर्णय स्वागतयोग्य है. फिर भी विद्यार्थियों को दर्जेदार शिक्षा देने के लिए तत्काल रिक्त पद भरकर महाविद्यालयों में आवश्यक मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता रहने की बात महाराष्ट्र वैद्यकीय शिक्षक संगठना के डॉ. समीर गोलावार ने कही. इस बाबत वैद्यकीय शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ से संपर्क करने का प्रयास किया गया. लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो पाये.
* रिक्त सीटें
श्रेणी मंजूर रिक्त
स्थायी प्राध्यापक (गट-अ) 643 223
सहयोगी प्राध्यापक (गट-अ) 1310 438
सहायक प्राध्यापक (गट-ब) 2082 997
कुल 4038 2380
* इस बार 900 विद्यार्थी बढेगे
इस बार एमबीबीएस की विद्यार्थी क्षमता 900 से बढने वाली है. वैद्यकीय शिक्षा विभाग महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की सहायता से करीबन 1 हजार शिक्षकों के पद भरने वाले है. यह शिक्षक मई माह तक कार्यरत होने का अनुमान है. तब तक कंत्राटी और पदोन्नति पर शिक्षक नियुक्त किये गये है.
– राजीव निवतकर,
आयुक्त, वैद्यकीय शिक्षण और संशोधन.