विदर्भ

डीसीपी अर्चित चांडक के विरोध में वंचित की चुनाव आयोग के पास शिकायत

चुनावी आचारसंहिता के पूर्व तबादला न होने पर की गई शिकायत

नागपुर/दि.04– लोकसभा चुनाव की आचारसंहिता लगने के पूर्व गृह शहर और स्वग्राम रहे पुलिस अधिकारियों के तबादले करने के स्पष्ट निर्देश चुनाव आयोग ने दिए थे. फिर भी नागपुर गृह शहर रहते साईबर क्राईम व आर्थिक अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त अर्चित चांडक का तबादला नहीं हुआ. इस कारण वंचित बहुजन आघाडी के पूर्व विदर्भ संयोजक प्रफुल्ल मानके ने सीधे चुनाव आयोग के पास लिखित शिकायत की है.

गृह शहर रहे अनेक पुलिस अधिकारी तबादले के पात्र रहने के बावजूद साईड पोस्टींग के नाम पर तबादले से बच गए. उनके नाम पुलिस आयुक्त ने पुलिस महासंचालक कार्यालय में भेजे ही नहीं है. पुलिस उपायुक्त अर्चित चांडक का नागपुर यह गृह शहर है. उनकी शिक्षा भी नागपुर में ही हुई है. इस कारण उनका समाज में और राजनीतिक दल के साथ संबंध रहने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. चांडक यह पुलिस उपायुक्त है. उनके अधिन करीबन 400 से 500 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी है. इस कारण लोकसभा चुनाव में पुलिस उपायुक्त दर्जे अधिकारी के कारण स्थानीय राजनीतिक स्थिति पर परिणाम पड सकता है. यह बात ध्यान में रख और लोकसभा चुनाव पारदर्शी और किसी भी दबाव के बगैर संपन्न होने के लिए अर्चित चांडक का तत्काल तबादला करने की मांग वंचित बहुजन आघाडी ने की है.

किसी भी चुनाव में मतदाताओं पर किसी भी तरह का प्रभाव न पडने बाबत चुनाव आयोग द्वारा ध्यान रखा जाता है. अनेक आयएएस और आयपीएस अधिकारी सालों से एक ही स्थान पर रहे तो निकटता बढती है और इसका प्रभाव मतदाताओं पर पडने की संभावना को ध्यान में रख संबंधित अधिकारी का तबादला किया जाता है. तो फिर डीसीपी अर्चित चांडक का तबादला क्यों नहीं किया गया, ऐसा सवाल वंचित आघाडी ने किया है.

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