नागपुर/ दि. 28- राज्य के विविध कारागृहों की दयनीय स्थिति है. जिसमें अमरावती सहित राज्य की 18 जेलों में क्षमता से 75 फीसदी अधिक कैदी रहने के कारण जहां जेल प्रशासन को परेशानी हो रही है. वहीं इसका खामियाजा कैदियों को भी भुगतना पड रहा है. विभिन्न अपराधों के लिए जेल में सजा भुगतने वाले कैदियों को सुविधा देना आवश्यक है. लेकिन राज्य की 18 जेलों की स्थिति भयावह है. यहां कैदियों को ठूस-ठूस कर भरा गया है. मुंबई, ठाणे, येरवडा सहित 18 जेलों में दोगुना से चौगुना से अधिक कैदी है. जिससे अनेको सवाल पैदा हो रहे है.
* राज्य में है 60 जेल
राज्य में विविध प्रकार के 60 कारागार है. इसमें 9 मध्यवर्ती, 28 जिला, 19 खुले कारागार है. सभी में 24722 कैदियों को रखने की क्षमता है. लेकिन प्रत्यक्ष में इन जेलों में दुगने के करीब 43205 कैदी थे. कुल क्षमता से कारागारों में 18483 कैदी अधिक है. यह संख्या लगभग 75 फीसदी है.
* 1700 से अधिक महिला कैदी
जेलों में 41462 पुरूष कैदी और 1732 महिला कैदी है. जबकि तृतीयपंथी कैदियों की संख्या 11 के करीब है. कुल कैदियों में से 8102 कैदी अदालत से सजा सुनाये गये है. बाकी विचारधीन कैदी है.
* दुगुने से अधिक कैदी वाले जेले
राज्य में दुगुने से अधिक कैदी वाले जेलों में मुंबई, ठाणे, येरवडा जेल के अलावा जिला कारागार में बुलढाणा, नांदेड, सोलापुर, कल्याण, अहमदनगर, जलगांव, अलीबाग, बीड, यवतमाल, भायखला, सातारा, वर्धा जेल का समावेश है. इन जेलों में 210 फीसदी से लेकर 443 फीसदी तक अधिक कैदी है.
* क्षमता 24722 कैदी 43205
राज्य के जेलों में कैदियों की इस तरह भीड है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 60 जेलों की क्षमता 24722 कैदियों की है. लेकिन इन जेलों में 43205 कैदी बंद है. जिसमें 41462 पुरूष व 1732 महिला कैदियों के अलावा 11, तृतीयपंथियों का समावेश है.
* मध्यवर्ती जेलों की स्थिति
कारागार क्षमता कैदी
मुंबई 804 3562
ठाणे 1105 4641
येरवडा 2449 7128
नागपुर 1840 2979
तलोजा 2124 3130
अमरावती 973 1408
औरंगाबाद 1214 1766
कोल्हापुर 1789 2124
नाशिक रोड 3208 3009
* इन जेलों की भयावह स्थिति
राज्य के जिन जेलों की भयावह स्थिति है. यहां कैदियों की संख्या भारी भरकम है. कैदियों के लिए मुसीबत वाली जेलों में मुंबई सेंट्रल जेल की स्थिति भयावह है. मुंबई सेंटर जेल में 803 कैदियों की क्षमता है. किंतु यहां 3562 कैदी है. ठाणे सेंट्रल जेल की क्षमता से 420 फीसदी अधिक कैदी थे. येरवडा में 291 फीसदी, नागपुर में 162 फीसदी से अधिक कैदी जेल में है. जबकि नाशिक रोड मध्यवर्ती जेल में सबसे कम 98 फीसदी कैदी है.