
नागपुर/दि.7-उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए सन 2019 में से जेल में कैद एक आरोपी राहुल भड (अमरावती) को भादवी की धारा 302 के आरोप से दोषमुक्त करके निर्दोष बरी कर दिया गया है. दोषारोप पत्र के अनुसार, घटना की हकीकत इस प्रकार थी की 23 नवंबर, 2017 को फिर्यादी जब अपने दुकान पर काम कर रहा था तो करीबन दोपहर 1 बजे के उसे उसकी पुत्री की सहेली का फोन आया था और उसे पता चला कि उसकी पुत्री व सहेली साईनगर स्थित ओंकार मंदिर में दर्शन के लिए गए हैं. दर्शन के बाद वापस लौटते समय रास्ते में उपरोक्त आरोपी ने उनका पीछा किया और गाडी रोकी तब बातचीत के दौरान आरोपी ने उसकी बैग से चाकू निकाल कर उस पर जगह-जगह चाकू घोंपा, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई. तत्पश्चात लोगों की मदद घायल व्यक्ति को जिला सामान्य अस्पताल ले जाया गया था. हमले में गंभीर चोट लगने की वजह से डॉक्टर ने उसका इलाज तो किया, लेकिन उसे बचा नहीं सके. फिर्यादी की ओर की गई रिपोर्ट के बाद आरोपी की तत्काल हिरासत में लिया गया और मामले की पूरी तहकीकात करने के बाद आरोपी के खिलाफ भादवी की धारा 302 के तहत दोषारोप पत्र न्यायालय प्रस्तुत किया गया था. घटना की वजह यह बताई गई थी के आरोपी और मृतक का प्रेमसंबंध था और आरोपी मृतक से विवाह करना चाहता था परंतु मृतक और उसके परिजन द्वारा मना करने पर आरोपी द्वारा घटना को अंजाम दिया गया था.
गौरतलब यह भी है की ये अमरावती शहर की पहली ऐसी वारदात थी, जहां एक प्रेमी ने अपनी प्रेमिका को मौत के घाट उतार दिया था और पूरे शहर में इस वारदात से सनसनी मच गयी थी. निचली अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष की और से कुल 6 गवाहों के बयान दर्ज की गये थे जिनमें घटना स्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी गवाहदार जो की मृतक की सहेली तथा डॉक्टर जिसने मृतक का पोस्ट मार्टम किया था, इनकी गवाही अहम थी और इनके तथा अन्य गवाहों के दर्ज बयान के आधार पर आरोपी को दोषी पाया गया था, इस अंतिम फैसले को चुनौती देने के लिए आरोपी ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई, जिसमें उसे दोषमुक्त करार दे दिया किया गया, निचली अदालत में आरोपी की ओर से एड. आशीष चौबे ने अपना पक्ष रखा था.