विदर्भ

अंकिता हत्याकांड का फैसला 5 फरवरी को

हिंगणघाट की घटना ने पूरे राज्य में मचाया था हडकंप

  • एकतरफा व अंधे प्यार की वजह से हुई थी वारदात

वर्धा/दि.22 – समूचे राज्य में हडकंप मचा देनेवाले हिंगणघाट के अंकिता हत्याकांड मामले में अदालत द्वारा आगामी 5 फरवरी को अपना फैसला सुनाया जा सकता है. इस मामले में अदालत ने अपनी सुनवाई पुरी कर ली है. जिसके तहत अब तक 29 गवाहों की गवाहियां दर्ज करने के साथ ही तमाम सबूतों को भी जांचा-परखा जा चुका है. ऐसे में अब सभी की निगाहें इस मामले को लेकर अदालत द्वारा सुनाये जानेवाले फैसले की ओर लगी हुई है.
बता दें कि, 3 फरवरी 2020 को एकतरफा व अंधे प्यार में पागल रितेश नगराले नामक आरोपी ने दिनदहाडे बीच रास्ते पर अंकिता नामक एक शालेय शिक्षिका पर पेट्रोल छिडककर उसे जिंदा जला दिया था. इस घटना में बुरी तरह झुलसी अंकिता की करीब सात दिन बाद 10 फरवरी 2020 को इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जिले के हिंगणघाट में घटित इस घटना से समूचे महाराष्ट्र में हडकंप व्याप्त हो गया था तथा मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार द्वारा अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करने हेतु विशेष सरकारी वकील एड. उज्वल निकम की नियुक्ति की गई थी. अब इस मामले को लेकर अदालत में सुनवाई पूर्ण हो चुकी है तथा अदालत द्वारा आगामी 5 फरवरी को इस मामले में अपना फैसला सुनाया जा सकता है.
पूरे मामले को लेकर विस्तृत जानकारी कुछ इस तरह है कि, मृतक अंकिता हिंगणघाट के स्व. आशा कुणावार महिला महाविद्यालय में बतौर प्राध्यापक कार्यरत थी और 3 फरवरी की सुबह 10 बजे हमेशा की तरह अपने गांव से बस में सवार होकर हिंगणघाट पहुंची. हिंगणघाट में बस से उतरकर वह नंदुरी चौराहे से कॉलेज की ओर जा ही रही थी, तभी वहां पर पहले से मौजूद रितेश नगराले ने अपनी गाडी से पेट्रोल निकाला और अंकिता पर पेट्रोल छिडकते हुए उसे आग के हवाले कर दिया. जिससे अंकिता बुरी तरह झुलस गई. पश्चात उसे इलाज के लिए नागपुर के एक निजी अस्पताल में भरती कराया गया. जहां पर सात दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच झुलते हुए अंकिता ने 10 फरवरी को दम तोड दिया. इधर वारदात के तुरंत बाद हिंगणघाट पुलिस ने आरोपी रितेश नगराले को गिरफ्तार करते हुए अपनी हिरासत में लिया तथा महज 19 दिनों के भीतर पूरे मामले की जांच-पडताल करने के बाद उपविभागीय पुलिस अधिकारी तृप्ती जाधव ने 28 फरवरी को आरोपी के खिलाफ 426 पन्नों की चार्जशिट हिंगणघाट के प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी के सामने पेश की. वहीं इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार द्वारा अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करने हेतु एड. उज्वल निकम की नियुक्ति की गई. जिन्होंने कुल गवाहों को अदालत के समक्ष पेश करने के साथ ही कई सबूत भी अदालत के समक्ष रखे. अदालत द्वारा अब इस मामले में अपनी सुनवाई को पूर्ण कर लिया गया है और आगामी 5 फरवरी को अदालत संभवत: इस मामले में अपना अंतिम फैसला सुना सकती है. जिसकी ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.

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