विदर्भ

मुंह कैंसर के रोगी की संख्या में विदर्भ पहले नंबर पर

तंबाखू विरोधी दिन पर

  • तंबाखू खाना टाले-डॉ.कर्तारसिंग

नागपुर/प्रतिनिधि दि.१ – आधुनिक जीवनशैली और तंबाखू सेवन के कारण मुंह के कैंसर के मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ रही है. विशेष बात यह है कि मुंह के कैंसर के मरीजों की संख्या के मामले में देश में विदर्भ पहले नंबर पर है.
शरीर में जो अलग-अलग प्रकार के कैंसर होते है. उसमें ४० प्रतिशत कैंसर केवल तंबाखू खाने से होता है. उसी प्रकार ८० प्रतिशत प्रकरण में मुख कैंसर का कारण तंबाखू ही होता है. आज की युवा पीढी धूम्रपान करती है. इसके अलावा वह अलग-अलग रूप में वह तंबाखू का ही सेवन करती है. कैंसर एकदम नहीं होता परंतु कुछ दिनों के बाद इसका परिणाम शरीर में दिखने लगता है. मुंह के कैंसर में शुरूआत में पूरी तरह से मुंह नहीं खुलता. उसके बाद मुंह में फोडे हो जाते है. इस प्रकार से मुंह में कैंसर फैलता जाता है.
२०१२ से पूर्व देश में युवा वर्ग मेें कैंसर रोग का प्रमाण ८ प्रतिशत था. अब यह दुगने से अधिक बढकर १७ प्रतिशत हो गया है. विदर्भ में तंबाखू खानेवालोंं की संख्या अधिक है. जिसके कारण प्रदेश में मुुंह के कैंसर के मरीजों की संख्या अधिक दिखाई दी.
राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज कैंसर हॉस्पिटल के संचालक डॉ. कर्तारसिंग ने दी जानकारी के अनुसार तंबाखू के कारण देश में ३,५०० लोगों की मृत्यु होती है. तंबाखू के सेवन से उच्च रक्तदाब, हदयविकार जैसी बीमारी तो होती ही है. इसके अलावा मुख का कैंसर यह भयंकर बीमारी होती है. जिसके कारण तंबाखू खाना टालना चाहिए ऐसा आवाहन डॉ. कर्तारसिंग ने किया है.
इस बार ३१ मई को इस तंबाखू विरोधी दिन की संकल्पना कमिट टू किवट ऐसी है. इस दिन तंबाखू का सेवन करने का प्रत्येक ने तंबाखू छोडने की प्रतिज्ञा करनी चाहिए.

  • तंबाखू के उत्पादन पर आज भी प्रतिबंध नहीं

भारत यह मुंह के कैंसर की राजधानी बनता जा रहा है. हर साल १३.५ लाख मृत्यु कैंसर के कारण होती है. १० प्रतिशत मरीजों को कैंसर होने की संभावना है. फिर भी तंबाखू के उत्पादन पर आज भी प्रतिबंध नहीं लगा. जब प्रतिबंध लगाया जाता है तब उत्पादक अलग-अलग रास्ता निकालते है. तंबाखू के सेवन करने से ही कैंसर होने की पूरी संभावना है.

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