विदर्भ

विदर्भ हो सकता है हाइड्रोजन निर्मिती का हब : नितिन गडकरी

16 मार्च को दिल्ली में स्वयं चलाएंगे पहली हाइड्रोजन कार

नागपुर/दि.7 – आगामी 16 मार्च को दिल्ली में देश की पहली हाइड्रोजन कार मैं चलाने वाला हूं, यह जानकारी केंद्रीय रास्ते यातायात मंत्री नितीन गडकरी ने यहां दी. सांसद औद्योगिक महोत्सव की जानकारी देने के लिए आयोजित पत्रकार परिषद में वे बोल रहे थे. पानी में से हाइड्रोजन को अलग कर इस गाड़ी का इस्तेमाल किया जा सकेगा. गंदे पानी से हाइड्रोजन अलग करना भी संभव है. नागपुर मनपा को ऐसा किसी प्रकार का प्रकल्प निर्माण करने की संभावना की जांच करने कहा गया है. गडकरी ने कहा कि ऐसा होेने पर विदर्भ हाइड्रोजन निर्मिति का हब हो सकता है.
सौर ऊर्जा यह सस्ता पर्याय है. आज की घड़ी में सौर ऊर्जा ढाई रुपए युनिट है. 38 प्रतिशत बिजली निर्मिति सोलर पर है. लेकिन सोलर ऊर्जा 100 प्रतिशत होने पर महावितरण की महंगी बिजली कोई नहीं लेगा. इसलिए राज्य सरकार सौर ऊर्जा निर्मिति में सहयोग नहीं करती, यह खेद गडकरी ने व्यक्त किया.
इससे पूर्व भी हमने प्रत्येक उद्योजक ने उसके कारखाने में सोलर पॅनल लगाने की योजना लायी थी, लेकिन सस्ती सौर ऊर्जा मिलने पर महंगी बिजली कौन लेगा, ऐसा प्रश्न उपस्थित हुआ. जिसके चलते राज्य सरकार द्वारा सहकार्य नहीं मिला. फिर भी प्रत्येक उद्योजक को उसके कारखाने की छत पर सोलर पॅनल लगाकर स्वयं की बिजली की आवश्यकता पूरी करने का आवाहन गडकरी ने किया.
अपने पास के कच्चे माल का इस्तेमाल का इस्तेमाल कर अन्य देश अमीर बनते हैं. इसकी बजाय अपने पास का कच्चा माल निर्यात करने की बजाय वहीं पर उस पर प्रक्रिया कर वस्तु निर्मिति किये जाने पर हम स्वयंस्फूर्त होंगे. कपास, संतरा, खनिज, सीएनजी ऐसी अनेक बातों पर प्रक्रिया उद्योग यहां खड़े हो सकते हैं. अपने संरक्षण उत्पादन कारखाने में अनेक आधुनिक यंत्र सामग्री है. गडकरी ने कहा कि इसका उपयोग सीएनजी सिलेंडर निर्मिति के लिए सहज हो सकता है. ऐसी अनेक संभावना सांसद औद्योगिक महोत्सव से जांच की जा सकेगी.
आगामी 12 से 14 मार्च दरमियान एमएसएमई की ओर से हिंगणा औद्योगिक वसाहत में सांसद औद्योगिक महोत्सव का आयोजन किया गया है. इस खासदार महोत्सव में विदर्भ के सभी विधायक, सांसदों को सहभागी किया जाएगा. राज्य के सभी व्याघ्र प्रकल्प में इलेक्ट्रिक कार इस्तेमाल करने का प्रयास है. पत्रकार परिषद में एमएसएमई के संचालक पी.एम.पार्लेवार उपस्थित थे.

हवा में बस चलाने सहज संभव, प्रदूषण कम करने पर जोर

फिलीपाईन्स में हवा में चलने वाली बस है. मैं हवा की बात नहीं करता. केबल की सहायता से 40 से 50 सीटर बस चलाना संभव है. एक ओर एक बस छूटने पर उसी समय दूसरी ओर से दूसरी बस छुटती है. नागपुर में भी ऐसी हवा से चलने वाली बस चलाने का मेरा सपना है. महामेट्रो को उसका डीपीआर करने कहा गया है. प्रदूषण कम करने पर जोर देने की बात गडकरी ने कही.

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