विदर्भ

सरकार पर दबाव बनाने के लिए फ्रंट लाइन में रहेंगे विदर्भ के कांग्रेस नेता

पदोन्नति में आरक्षण के मामले को लेकर

  • प्रदेश स्तर पर आंदोलन की भी तैयारी

नागपुर/दि.27 – पदोन्नति में आरक्षण के मामले को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर दबाव की रणनीति बनाई है. महाविकास आघाडी में कांग्रेस शामिल है, लेकिन सामाजिक लेकिन सामाजिक न्याय की बात करते हुए वह सरकार से अलग अपनी भूमिका जनता के बीच रखेगी. कांग्रेस ने प्रदेश स्तर पर आंदोलन की तैयारी भी की है. खास बात है कि, दबाव की इस रणनीति में कांग्रेस के जो नेता फ्रंट लाइन अर्थात अग्रक्रम में रहेंगे, उनमें विदर्भ के नेता सबसे अधिक रहेंगे. फिलहाल राज्य के उर्जामंत्री नितीन राउत व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले खुलकर इस मामले को लेकर राज्य सरकार पर सवाल दागने लगे हैं. बहुजन कल्याण मंत्री विजय वडेट्टीवार भी ओबीसी आरक्षण के अलावा पदोन्नति के मामले को लेकर बयान देने लगे हैं. खबर है कि, कोरोना संकट की स्थिति देखते हुए कांग्रेस ने आंदोलन की रणनीति पर फिलहाल विराम रखा है, लेकिन विविध अधिकारी-कर्मचारी संगठनों के साथ संवाद शुरु है.
पूर्व सांसद व आरक्षण मामलों के विशेषज्ञ हरिभाउ राठोर, सुरेश माने, पूरण मेश्राम, जैसे विशेषज्ञों के मार्गदर्शन मेें आंदेालन की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा पूर्व मंत्री शिवाजीराव मोघे, पूर्व मंत्री वसंत पुरके सहित अन्य नेता विदर्भ में आदिवासी समाज की समस्या को लेकर सरकार से सवाल करने की तैयारी कर रहे हैं. कांगे्रस की अध्यक्ष सोनिया गांधी पहले ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिख चुकी हैं. सामाजिक न्याय के कार्यो पर ध्यान देने का निवेदन किया है. साथ ही कांग्रेस नेताओं को विविध विषयों के साथ सामाजिक न्याय के आंदोलन को तेज रखने को कहा हैं.
राज्य में मराठा आरक्षण, ओबीसी आरक्षण का मामला गर्माया हुआ है. मराठा आरक्षण को लेकर विदर्भ में अधिक राजनीतिक गर्माहट नहीं है. ऐसे में कांग्रेस कदाचित चाहती है कि, पदोन्नति में आरक्षण व ओबीसी आरक्षण के मुद्दे के साथ वह विदर्भ में अपनी विशेष सक्रियता दिखा सकती है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि, सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष करने में कांग्रेस कभी पीछे नहीं है. पदान्नति में आरक्षण के मसले पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कांग्रेस नेताओं की मुलाकात नहीं हो पाई है. यह तय है कि, इस मामले पर कोई निराकरण नहीं हुआ तो कांग्रेस अलग मार्ग अपना सकती है. पटोले कहते हैं-पदान्नति में आरक्षण का मामला विदर्भ ही नहीं पूरे राज्य का है.

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