विदर्भ

विदर्भ के संतरे का शालेय पोषाहार में समावेश किया जाए

राकांपा ने सीएम शिंदे से की मांग

मोर्शी/दि.23– मोर्शी-वरुड़ तहसील के संतरा उत्पादक किसान संकट में फंसे हैं. मोर्शी-वरूड तहसील को रिकार्ड संतरा उत्पादन के कारण विदर्भ के कॅलिफोर्निया के नाम से पहचाना जाता है. लेकिन विगत कुछ वर्षों से संतरा उत्पादकों को संकटों का सामना करना पड रहा है. इसलिए उन्हें राहत दिलाने के लिए शालेय पोषाहार में विदर्भ के संतरे का समावेश करें. ऐसी मांग राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तहसील उपाध्यक्ष तथा ग्रापं सदस्य रूपेश वालके ने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से ज्ञापन सौंपकर की है.

ज्ञापन में बताया कि, मोर्शी-वरुड़ तहसील में बड़े पैमाने पर संतरे का उत्पादन लिया जाता है. गत 3-4 वर्षों से संतरे को अच्छा भाव मिल रहा था. लेकिन इस वर्ष मौसम में परिवर्तन से संतरे का उत्पादन प्रभावित हुआ है. संतरे के निर्यात में दिक्कतें निर्माण होने से संतरे को स्थानीय मार्केट में अच्छा दाम नहीं मिल रहा है. परिणामस्वरूप तहसील के संतरा उत्पादक किसानों को 10 से 15 रु. प्रतिकिलो के दाम पर संतरे बेचने की नौबत आयी है. इन सब बातों के मद्देनजर शालेय पोषाहार व महिला बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी व स्तनदा माताओं को दिए जानेवाले आहार में संतरे का समावेश करें और सरकार या किसान गुट उचित दाम पर संतरे खरीदी करें, ऐसी मांग वालके ने की है. इसके अलावा निर्यातक्षम संतरों के लिए मोर्शी तहसील में संशोधन केंद्र, तूफान, ओलावृष्टि व बारिश से प्रभावित संतरा उत्पादक किसानों को मुआवजा, तहसील में मिट्टी, पानी व रासायनिक खाद के परीक्षण के लिए सरकारी लैब, पॅक हाऊस व शीतगृह के लिए किसानों को अनुदान, बदहाल सड़कों की दुरूस्ती, कृषि पंप को दिन में बिजली आपूर्ति आदि विविध मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व अजित पवार, कृषि मंत्री धनंजय मुंडे, जिले के पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल, संभागीय आयुक्त व जिलाधीश को भेजते हुए संतरा उत्पादकों की मुश्किलें तत्काल दूर करने के प्रयास की मांग की गई है.

* संतरा उत्पादकों का भारी नुकसान
बांग्लादेश में नागपुरी संतरों पर प्रतिकिलो 88 रुपए आयात शुल्क लगाने से मांग रहते हुए भी बिक्री प्रभावित हुई है. क्योंकि संतरा उत्पादकों को प्रति टन 8 से 10 हजार रुपये का नुकसान सहना पड़ रहा है. जिस तरह केंद्र सरकार फल प्रक्रिया उद्योग तथा शक्कर के निर्यात पर सबसिडी देती है. उसी तर्ज पर संतरे के निर्यात पर सब्सिडी दी जाए, संतरे को विदेश में अच्छी मांग रहने से कृषि माल के उत्पादन को प्रोत्साहन देकर सरकार संतरा उत्पादकों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने की आवश्यकता है.
– रूपेश वालके, तहसील उपाध्यक्ष राकांपा मोर्शी

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