द्बेष नहीें बल्कि चुनाव की सफलता देखे
नागपुर/दि.23 – कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले के बचाव के लिए आखिरकार उनके विदर्भ के समर्थक सामने आए है. पटोले-थोरात विवाद में राज्य की राजनीतिक परिस्थिति का अवलोकन करने के लिए नियुक्त किए गए पूर्व सांसद रमेश चेन्नीथाला से समर्थकों ने मुंबई तिलकभवन में मुलाकात कर पटोले का पक्ष रखा. पटोले का राजनीतिक द्बेष करनेवालों की तरफ ध्यान देने की बजाए पटोले के नेतृत्व में चुनाव में मिली सफलता पर भी ध्यान देने की बात समर्थकों व्दारा कही गई.
पूर्व सांसद रमेश चेन्नीथाला यह सोमवार और मंगलवार को मुंबई में थे. इस दौरान पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री विलास मुत्तेमवार, सांसद बालू धानोरकर, पूर्व मंत्री वसंत पुरके, विधायक विकास ठाकरे, विधायक प्रतिभा धानोरकर, विधायक सुभाष धोटे, विधायक अभिजीत वंजारी, विधायक सुधाकर अडबाले, विधायक धीरज लिंगाडे, प्रदेश उपाध्यक्ष नाना गावंडे, नागपुर जिलाध्यक्ष राजेंद्र मुलक, पूर्व विधायक अविनाश वारजुरकर, चारुलता टोकस, प्रदेश सचिव राजा तिडके, श्याम उमालकर आदि ने चेन्नीथाला से भेंट का पटोले का पक्ष रखा रहने की जानकारी है. पटोले ने पार्टी संगठन को मजबूत किया. विदर्भ के नागपुर और अमरावती विधान परिषद की दोनों सीटों पर जीत हासिल की. प्रदेशाध्यक्ष होने के बाद संपूर्ण राज्य में उनका दौरा शुरु है. अधिकांश पूर्व मंत्री ईडी व सीबीआई कार्रवाई के डर से भाजपा नेताओं के विरोध में बोलने का साहस नहीं कर रहे है. लेकिन पटोले भयभित न होते हुए खुलेआम भाजपा नेताओं को आडे हाथों लेते है. भारत जोडो यात्रा 17 दिन महाराष्ट्र में थी. यह यात्रा सफल करने में पटोले की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. यात्रा के दौरान उन्होंने काम करने वाले आम कार्यकर्ताओं की राहुल गांधी से मुलाकात करवा दी आदि मुद्दे रखते हुए लोकसभा व विधानसभा के चुनाव पटोले के नेतृत्व में हुए तो ही कांगे्रस को सफलता मिल सकती है, ऐसा दावा भी समर्थकों ने किया. सत्यजीत तांबे का विषय नाशिक तक ही मर्यादित है. वह राज्य का विषय नहीं है इस कारण एक विषय को लेकर प्रदेशाध्यक्ष को परेशानी में लाने का प्रयास करना उचित नहीं है. कसबा व चिंचवड के उपचुनाव शुरु रहते पार्टी की तरफ से इस तरह निरीक्षक भेजकर नेताओं व कार्यकर्ताओं का ध्यान विचलित करना उचित नहीं है, इस बाबत निराशा भी पटोले समर्थकों ने व्यक्त की.