विदर्भ

उमसभरे वातावरण का विदर्भ की फसलों को फटका

नागपुर/दि.20 – राज्य के कुछ भागों में बेमौसम बारिश का फटका फसलों को लगा है फिर भी विदर्भ में मात्र चित्र अलग है. फिलहाल उमसभरा वातावरण होने के कारण इसका फटका इस भाग की तुअर, गेहूं एवं चना इन फसलों को बैठने के साथ ही इन फसलों का उत्पादन कम होने की संभावना कृषि संशोधकों ने व्यक्त की है.
फिलहाल इन भागों में तुअर, गेहूं एवं चना खेत में है. अक्तूबर-नवंबर महीने में ठंड शुरु होती है. वह उपरोक्त फसलों के लिए पोषक साबित होती है. मात्र फिलहाल बदरीला मौसम है. अब तक ठंड ने जोर नहीं पकड़ा. इस कारण फसलें बढ़ नहीं रही है वहीं इल्लियों का प्रादुर्भाव बढ़ने की बात यहां के किसान कह रहे हैं. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ के संशोधक डॉ. प्रमोद राऊत से संपर्क साधने पर उन्होंने भी यह बात मान्य की. उन्होंने कहा कि तुअर, गेहूं व चना इन फसलों के लिए फिलहाल का बदरीला मौसम पोषक नहीं है. जिसके कारण इन फसलों का बढ़ना रुकता है बावजूद इसके फफूंदजन्य रोग भी हो सकते हैं. इस संदर्भ में नागपुर जिले के एक प्रगतिशील किसान से संपर्क साधने पर उन्होंने तुअर व चने को फिलहाल का वातावरण का फटका बैठने की बात मान्य ती. दक्षिण में बारिश होन पर ऐसी स्थिति निर्माण होगी, ऐसी संभावना थी.
संतरे की फसल फिलहाल निकलने से उसे इस वातावरण का धोखा नहीं है. लेकिन बदरीले मौसम के कारण कभी भी बारिश हो सकती है. व इसका फटका संतरे की फसल को बैठेगा, ऐसा भय उत्पादकों में है. इस ओर उन्होेंने ध्यानाकर्षित किया. इस संदर्भ में विभागीय कृषि सहसंचालक आर.जे. भोसले से संपर्क साधने पर वह नहीं हो सका.

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