भंडारा में बोरे में मिल रही विद्यापीठ की उत्तर पत्रिका
हाथ ठेले, किराना दुकान में मिले बंडल : कुछ उत्तरपत्रिका कोर
नागपुर/ प्रतिनिधि दि.24 – राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ की उत्तर पत्रिका भंडारा जिले में बोरे में भरी हुई स्थिति में मिली है. आश्चर्य की बात यह कि इसमें अनेक उत्तर पत्रिका कोरी है. उसका दुरुपयोग होने का धोका निर्माण हुआ है, लेकिन इसे नागपुर विद्यापीठ ने गंभीरता से नहीं लिया है और वह रद्दी रहने का दावा किया है.
भंडारा जिले में कुछ जगह बोरे में भरी हुई स्थिति में उत्तर पत्रिका मिली. इसमें से कुछ उत्तरपत्रिका पुरानी है. इस संदर्भ में परीक्षा व मुल्यांकन संचालक डॉ. प्रफुल्ल साबले से पूछने पर उन्होंने बताया कि ट्रक की दुर्घटना होने से उत्तर पत्रिका पडी थी, ऐसा दावा उन्होंने किया. किंतु उत्तर पत्रिका पुरानी रहे या नई उसमें विद्यार्थियों के मुल्यांकनकर्ता की जानकारी रहती है. जिससे यह बात गोपनिय रहती है. इसकी समूची जिम्मेदारी परीक्षा विभाग पर रहती है. उत्तर पत्रिका नष्ट करने का अधिकार विद्यापीठ को है. किंतु उसके लिए नियम तय किये गए है. इस प्रक्रिया में भारी सावधानी बरतना आवश्यक रहता है, किंतु ऐसा न होने की बात दिखाई देती है. विद्यापीठ ने उत्तर पत्रिकाओं की निविदा जारी कर व उत्तर पत्रिका संबंधित व्यक्ति को देकर उसे रद्दी माना. किंतु कानून के अनुसार उसका निपटारा लगाया या नहीं इसकी जांच नहीं की. भंडारा जिले के अनेक हिस्से में किराना दुकान, हाथ ठेले, सब्जी विक्रेताओं के पास उत्तर पत्रिका मिल रही है. उनका उपयोग खाद्य सामग्री तथा सब्जी बांधने के लिए किया जा रहा है. इससे पहले 12 फरवरी को कुछ उत्तर पत्रिका भंडारा जिले में ही मिली थी. यह सभी उत्तर पत्रिका पुरानी है, उन्हें निविदा जारी कर रद्दी में बेचने की बात परीक्षा विभाग ने उस समय स्पष्ट की थी. संबंधित व्यक्ति उत्तर पत्रिका ट्रक में भरकर तुमसर होते हुए रायपुर लेकर जा रहा था. इससे कुछ बोरे निचे गिरने की जानकारी पुलिस ने दी.
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रास्ते पर कैसी आयी उत्तर पत्रिकाएं
इतने बडे प्रमाण में उत्तर पत्रिका रास्ते पर कैसे गिरी इसका ठोस जवाब नहीं मिल पाया. पहली बार ऐसा मामला सामने आने के बाद कंपनी को नोटीस भेजकर जवाब मांगा था. उत्तर पत्रिका लेकर जाने वाले ट्रक की दुर्घटना होने से कुछ बोरे निचे गिरे, ऐसा जवाब इसमें दिया गया था. किंतु सही मायने में ऐसा हुआ क्या, इसकी जांच पडताल मात्र नहीं की गई.