विदर्भ

302 में दोषी और 354 (ड) में निर्दोष रहा विकेश

हिंगणघाट के अंकिता हत्याकांड का मामला

  • कुल 156 पन्नों में है अदालती फैसला

वर्धा/दि.14 – समूचे राज्य में हडकंप मचा देनेवाले हिंंगणघाट के अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकेश उर्फ विक्की नगराले को विगत दिनों हिंगणघाट की अतिरिक्त जिला व सत्र अदालत ने दोषी पाने के साथ ही आजीवन कारावास व पांच हजार रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई. इस मामले को लेकर अदालत ने कुल 156 पन्नों में अपना फैसला दिया है. जिसमें अदालत ने विकेश नगराले को धारा 235 (1) के तहत भादंवि की धारा 354 (ड) में लगातार पीछा करने के आरोप से तो बाइज्जत तो बरी कर दिया है, लेकिन दिनदहाडे भरे चौक में अंकिता को जिंदा जला देने के मामले में धारा 302 के तहत हत्या का दोषी पाया. जिसके तहत अदालत द्वारा आरोपी विकेश नगराले को सजा सुनाई गई.

दो न्यायाधियों के समक्ष हुई सुनवाई

हिंगणघाट की जिला व अतिरिक्त सत्र अदालत में चले इस मुकदमे की सुनवाई दो अलग-अलग न्यायाधियों के सामने हुई. शुरूआत में इस मुकदमे की सुनवाई हिंगणघाट के तत्कालीन अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश राजेंद्र माजगांवकर के न्यायासन के समक्ष हुई. पश्चात उनका यहां से तबादला हो गया और उनके स्थान पर न्या. राहुल भिवा भागवत की नियुक्ति हिंगणघाट के अतिरिकत जिला व सत्र न्यायाधीश के तौर पर हुई और मुकदमे की अगली सुनवाई न्या. भागवत के समक्ष ही हुई. जिन्होंने सुनवाई को पूर्ण करने के साथ ही आरोपी विक्की नगराले को इस मामले में दोषी करार देते हुए सजा भी सुनाई.

तारीख को लेकर रहा गजब संयोग

बता देें कि, आरोपी विक्की नगराले ने 3 फरवरी 2020 को हिंगणघाट के नंदूरी चौक में प्रा. अंकित पिसुड्डे को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया था. पश्चात बुरी तरह झुलसी अंकिता पिसुड्डे को इलाज के लिए नागपुर के निजी अस्पताल में भरती कराया गया था. जहां पर 10 फरवरी 2020 की सुबह 6.55 बजे अंकिता ने दम तोड दिया था. इससे ठीक दो वर्ष बाद 10 फरवरी 2022 को अंकिता की दूसरी पुण्यतिथिवाले दिन ही हिंगणघाट की अतिरिक्त जिला व सत्र अदालत ने सेशन केस क्रमांक 10/2020 के मुकदमे की सुनवाई पूर्ण करने के साथ ही विकेश नगराले को उम्रकैद की सजा सुनाई.

तीन विशेषज्ञ डॉक्टरों ने किया था पोस्टमार्टम

करीब एक सप्ताह तक चले इलाज के बाद दम तोड देनेवाली अंकिता पिसुड्डे के शव का पोस्टमार्टम नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज के डॉ. ऋषिकेश पाठक तथा अन्य दो विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा किया गया था और पोस्टमार्टम रिपोर्ट इस मामले में बेहद महत्वपूर्ण रही.

गवाहियां साबित हुई महत्वपूर्ण

अंकिता हत्याकांड के मामले में कुल 29 गवाहों के बयान न्यायालय में दर्ज किये गये. इसमें एक प्राचार्य सहित दो प्रत्यक्षदर्शी, तीन पंच, तीन वैद्यकीय अधिकारी, 9 पुलिस अधिकारी व कर्मचारी, टेलीकॉम कंपनी के दो नोडल अधिकारी तथा छह अन्य गवाहोें का समावेश रहा. इसमें से कोई भी गवाह अदालती कार्रवाई के दौरान अपने बयान से नहीं पलटा, यह अपने आप में सबसे महत्वपूर्ण रहा. जिसके चलते अंकिता के हत्यारे विकेश नगराले को अदालत द्वारा दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई.

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