विदर्भ

कुलगुरू सुभाष चौधरी ने मांगी हाईकोर्ट से माफी

प्रा. मोहन काशिकर पर हुई विवादास्पद कार्रवाई का मामला

नागपुर-/दि.20 प्रा. मोहन काशिकर के खिलाफ की गई सभी विवादास्पद कार्रवाईयों को रद्द करने का आदेश रिकॉर्ड पर पेश करने में असफल रहने के चलते राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ. सुभाष चौधरी ने कल मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ के समक्ष माफी मांगी. साथ ही भविष्य में दुबारा कभी ऐसी गलती नहीं होने का अभिवचन भी दिया.
बता दें कि, डॉ. सुभाष चौधरी ने संबंधित आदेश न्यायालय में पेश करने का शब्द दिया था. परंतु वे अपने शब्द का पालन नहीं कर सके. जिसके लिए अदालत ने उन्हें कडी फटकार लगायी. ऐसे में डॉ. चौधरी ने अदालत से माफी मांगी. पश्चात विभिन्न बातों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने उन्हें माफ भी कर दिया. साथ ही डॉ. चौधरी द्वारा किये गये गैरकानूनी कृत्य की शिकायत कुलपति के पास करने का अवसर डॉ. काशिकर को दिया गया. साथ ही डॉ. काशिकर के वेतन से काटी गई रक्कम उन्हें ब्याज सहित वापिस लौटाने के निर्देश रातुम नागपुर विद्यापीठ को दिये गये. इस मामले पर न्यायमूर्तिद्वय सुनील शुक्रे व अनिल पानसरे की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई.
इस पूरे मामले को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक पदव्युत्तर राज्यशास्त्र विभाग प्रमुख के पद पर कार्यरत रहते समय 9 अक्तूबर 2020 को डॉ. मोहन काशिकर के जिम्मे मानव्य विज्ञान शाखा के पदव्युत्तर शिक्षा विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था. परंतु डॉ. काशिकर ने अपने कुछ व्यक्तिगत कारणों के चलते इस जिम्मेदारी को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया था. जिससे चिढकर कुलगुरू डॉ. सुभाष चौधरी ने 31 जुलाई 2021 को इतिहास विभाग के प्रा. डॉ. श्यामराव कोरेटी की पदव्युत्तर राज्यशास्त्र विभाग के प्रभारी प्रमुख पद पर नियुक्ति की. साथ ही 3 अगस्त 2021 को डॉ. काशिकर के खिलाफ अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए उनकी विभागीय जांच शुरू करने के निर्देश जारी किये. जिसके खिलाफ डॉ. मोहन काशिकर ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की. जहां पर डॉ. काशिकर की ओर से एड. फिरदौस मिर्जा ने सफल पैरवी की.

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