विदर्भ

भूख न लगने देने वाली कैप्सूल

शीघ्र आएगी मार्केट में

मेडीकल संशोधन पर मंथन
नागपुर/दि.21- घर से बाहर निकलने पर भूख लगी तो क्या खाना,कहां खाना, यह प्रश्न सताते हैं. बाहर मिल रहे खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए ठीक है या नहीं, यह सवाल भी मन में उठता है. किन्तु भविष्य में यह चिंता नहीं करनी पड़ेगी. दिनभर भूख नहीं लगेगी, ऐसी कैप्सूल बनाई जा रही है. कैप्सूल में शरीर हेतु आवश्यक प्रोटीन, पोषक तत्व रहेेंगे. यह जानकारी वर्ल्ड पैकेजिंंग ऑर्गनाइजेशन के राजदूत डॉ. चक्रवर्ती एवीपीएस ने दी.
72 वीं फार्मस्युटिकल कांग्रेस में मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री विजन 2030 विषय पर शुक्रवार को जानकारो ं ने विचार रखे. डॉ. चक्रवर्ती ने बदलती वैद्यकीय तकनीक की जानकारी प्रस्तुत की. होने जा रहे संशोधनों का प्रारुप भी रखा.
215 देशों में हो रहा निर्यात
डॉ. चक्रवर्ती ने कहा कि पहले सभी दवाईयां बाहर से लाई जाती. भारतीय मरीजों की आवश्यकता की पूर्ति न हो पाती. आज वहीं भारत 215 देशों को दवाईयां निर्यात कर रहा है. किफायती दवाओं के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है. कोरोना काल में दवा उद्योग में महत्वपूर्ण कारनामा किया. जान की बाजी लगाकर सभी ने काम किया.
दवा की खुराक होगी कम
समय पर दवाई लेना आवश्यक है. किन्तु कई लोग अनेक कारणों से दवा लेने में लापरवाही बरतते हैं, जिसका स्वास्थ्य पर उल्टा असर होता है. समय पर दवाएं न लेने से तनाव बढ़ता है. ऐसे में संशोधन शुरु है. सवेरे एक बार की खुराक पूरे दिन के लिए काफी होगी.
बीमारी की डिजिटल भविष्य पत्रिका
डॉ. चक्रवर्ती ने बताया कि मेडीकल क्षेत्र में नीत नए संशोधन हो रहे हैं. सेल थेरेपी, जिन थेरेपी उपलब्ध है. बीमारी न हो, इसके लिए कार्य शुरु है. फिनलैंड, नार्वे जैसे देशों में बॉडी स्केनिंग शुरु है. बीमारी की डिजिटल पत्रिका तैयार होगी.

Related Articles

Back to top button