विदर्भ

तिहाड जेल के फरार कैदी को वर्धा पुलिस ने किया गिरफ्तार

15 साल से पुलिस को दे रहा था चकमा

  • 5 हजार का इनामी कैदी था

वर्धा प्रतिनिधि/दि.13 – चोरी के मामले में सजा भुगत रहे तथा दिल्ली के तिहाड स्थित जेल से फरार हुए धनराज संतोष खैरकार को गिरफ्तार करने में स्थानीक अपराध शाखा पुलिस को सफलता मिली है. विशेष यह कि धनराज पिछले 15 साल से पुलिस को चकमा दें रहा था. इसके अलावा उसपर 5 हजार का इनाम था.
पुलिस स्टेशन डीबीजी रोड, दिल्ली में वर्ष 2000 में उसपर 394, 398, 34 के तहत अपराध दर्ज था. आरोपी धनराज खैरकार को इस मामले में 2004 में सजा सनाई गई थी. उसके बाद वह दिल्ली के तिहाड जेल में सजा भुगत रहा था. 2005 में धनराज तिहाड की जेल से भाग निकला. उसके बाद जेल प्रशासन उसे तलाश रही थी. इस बीच तिहाड जेल प्रशासन की ओर से वर्धा पुलिस की मदत मांगी गई थी. पश्चात स्थानीक अपराध शाखा की पुलिस ने विशेष टीम तैयार कर धनराज का पता लगाना शुरु किया. गोपनीय जानकारी के आधार पर धनराज को तलाशकर हिरासत में लिया गया. यह काम पुलिस अधिक्षक प्रशांत होलकर, स्थानीक अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक निलेश ब्राह्मण के मार्गदर्शन में पुलिस उपनिरीक्षक सौरभ घरडे, प्रमोद जांभुलकर, संजय बोगा, रामकृष्ण इंगले, अक्षय राऊत, अलका कुंभलवार ने किया.

  • बदला था नाम

धनराज ने 28 जून 2008 को स्वयं का नाम धनराज संतोष खैरकार की बजाय यश संतोष खैरकार ऐसा बदला था. वह स्वप्नील कलंब अपार्टमेंट प्लाट नं.302, स्नेहल नगर नागपुर में रहता था. आरोपी ने लेआउट डाल कर प्लाट खरीदी बिक्री का व्यवसाय शुरु किया था. उसमें उसने अनेक लोगों के पैसे भी वापस न लौटाते हुए वह भूमिगत हुआ था. उसके बाद उसने ड्रायफु्रट खरीदी बिक्री का व्यवसाय शुरु किया. साथ ही यह सभी व्यवहार यह आरोपी ऑनलाइन करता था. यश खैरकार ही धनराज खैरकार है, इस तरह का संदेह बढने से उसकी अन्य जानकारी निकालकर जांच पडताल की गई. साथ ही उसने किये हुए व्यवहार के कागजात जांच पडताल कर तिहाड जेल न्यू दिल्ली से मिली जानकारी पर यश खैरकार ही धनराज खैरकार है, यह निष्पन्न होने से उसे नागपुर से हिरासत में लिया गया. इसके अलवा आरोपी को तिहाड जेल नं.3 में दाखल करने के लिए पुलगांव पुलिस की हिरासत में दिया गया.

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