* छात्रा को प्रमाणपत्र देने में आना कानी
नागपुर/दि.17– हाईकोर्ट के दंडात्मक कार्रवाई के डर से छात्रा को जाति वैधता प्रमाणपत्र देने का कारण चंद्रपुर अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र सत्यापन समिति ने बताया था. इस मामले में कोर्ट ने समिति के सदस्यों को समन जारी कर उपस्थित रहने का आदेश दिया था. शुक्रवार को समिति के सदस्य राजेंद्र चौधरी, दिगंबर चव्हाण, गजानन फुंडे ने हाईकोर्ट में उपस्थित होकर समय याचना की. हाईकोर्ट ने कहा कि समिति के सदस्यों का ऐसा व्यवहार रहा तो उनके विरूध्द कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई की जायेगी.
* वैष्णवी जांभुले का आवेदन
वैष्णवी केशव जांभुले नामक छात्रा ने नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है. 2018 में वैष्णवी ने चंद्रपुर अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र सत्यापन समिति को जाति वैधता प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया, लेकिन समिति ने वैष्णवी को प्रमाणपत्र नहीं दिया. तब वैष्णवी ने 2019 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की. वैष्णवी ने पिता व भाइ्र के पास जाति वैधता प्रमाणपत्र होने का आधार दिया था. इसलिए कोर्ट ने मामले को वापस समिति के पास भेजने और योग्यता के आधार पर निर्णय लेने का आदेश दिया था.
* डर के कारण दिया प्रमाणपत्र
2022 में समिति ने वैष्णवी को जाति वैधता प्रमाणपत्र देते सम अपने आदेश में उल्लेख किया था कि हाईकोर्ट समय-समय पर 10 हजार से लेकर 1 लाख रूपये तक की दंडात्मक कार्रवाई करती है. इसी डर के कारण छात्र को जाति वैधता प्रमाणपत्र दिया जा रहा है. यह आदेश समिति द्बारा अपलोड किया गया. जब इस आदेश का प्रिंट आउट निकाला गया तो यह सब मामला सामने आया.