विदर्भ

अमरावती में जलापूर्ति करनेवाली पाइपलाइन फोडने की चेतावनी

1 जून का अल्टीमेटम, अपर वर्धा बांधग्रस्तों का अनशन

मोर्शी/ दि. 27- अप्पर वर्धा बांधग्रस्तों की प्रलंबित मांग के लिए विगत 7 दिनों से 70 से 75 वर्ष के पुरूष अपनी हक्क के लिए भरी धूप में अनशन के लिए बैठे है. शासन प्रशासन की ओर से प्रतिसाद न मिलने का देखकर उन्होंने 1 जून को अपर वर्धा बांध से अमरावती में जलापूर्ति करनेवाली पाइपलाइन फोडने की चेतावनी तहसीलदार सागर ढवले व विधायक देवेंद्र भुयार के समक्ष चर्चा दौरान दी.
मोर्शी से केवल 8 किलोमीटर दूरी पर अमरावती जिले में सबसे बडी अप्परवर्धा बांध प्रकल्प द्बारा 75 हजार हेक्टर जमीन की सिंचाई तथा अमरावती व अन्य शहर के सैकडों पंचतारांकित औद्योगिक क्षेत्र में जलापूर्ति शुरू है. प्रकल्प बाधित किसानों ने इसके लिए पीढी दर पीढी रहनेवाली खेत जमीन व घर शासन के सुपुर्द किया. उस समय जमीन का संतोषजनक मुआवजा व योग्य पुनवर्सन इस संबंध में आश्वासन दिया गया था. प्रत्यक्ष रूप में आश्वासन की पूर्तता नहीं की गई. जमीन का मुआवजा 2400 रूपए प्रति एकड बहुत कम दिया गया. प्रकल्पग्रस्तों को लालच बताकर गांव खाली कर लिए गए. जिसके कारण बांधग्रस्तों का परिवार खुले में आ गया. प्रकल्पग्रस्त लगातार 40 वर्षो से जेलभरो, अपर वर्धा बांध में जल समाधि, रास्ता रोको आंदोलन कर रहे है.
विधायक देवेंद्र भुयार तहसीलदार सागर ढवले ने 25 मई को अनशन मंडप को भेंट दी. वृध्द बांधग्रस्तों ने उनके पास अपनी परेशानी रखी. जलसंपदा विभाग के पास उपयोग न किए जानेवाली जमीन बांधग्रस्तों को उदरनिर्वाह केे लिए स्थायी तौर पर दी जाए तथा उचित मुआवजा पुनवर्सन की मांग भी की गई.
इस समय प्रकल्पग्रस्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष साहेबराव विधले, अमोल टाकले, केशवराव गुल्हाने, किसनराव ठाकरे, सुरेंद्र काले, गजू पूरी, चरणदास बारस्कर, ज्योतीराम बनेकर, केदारनाथ कुंभरे, नामदेव कडू, दिलीप पंडागले, रमेश कांडलकर, रवि कालमेघ, प्रकाश विघे, प्रशांत राउत, घनश्याम सोनारे आदि किसान उपस्थित थे.

 

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