वैद्यकीय शुल्क प्राधिकरण अध्यक्ष के नाम जारी हुआ वॉरंट
हाईकोर्ट ने दिया झटका, 13 को हाजिर रहने का निर्देश

नागपुर /दि. 5– मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने असमान विद्यावेतन से संबंधित मामले में वैद्यकीय शुल्क नियंत्रण प्राधिकरण के अध्यक्ष के नाम 10 रुपए का जमानती वॉरंट जारी करते हुए उन्हें आगामी 13 मई को सुनवाई के समय कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया.
वैद्यकीय पदविधारकों को इटर्नशिप काल के दौरान दिए जानेवाले विद्यावेतन में असमानता रहने के चलते आयुष पावडे व अन्य 12 वैद्यकीय पदविधारकों ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है. इस पर न्या. अविनाश घारोटे व अभय मंत्री की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई. अदालत में शुल्क नियंत्रण प्राधिकरण के अध्यक्ष के नाम 11 जुलाई 2024 को नोटिस जारी कर असमान विद्यावेतन पर भूमिका स्पष्ट करने का निर्देश दिया था. परंतु उनकी ओर से अब तक कोई भी अदालत में उपस्थित नहीं हुआ. जिस पर अदालत ने नाराजी व्यक्त करते हुए अध्यक्ष के नाम वॉरंट जारी किया.
* एक साल की इटर्नशिप करना अनिवार्य
वैद्यकीय पदविधारकों के लिए किसी अधिकृत अस्पताल में एक साल की इंटर्नशिप करना अनिवार्य है. इसके लिए उन्हें मासिक विद्यावेतन अदा किया जाता है. परंतु निजी, सरकारी अनुदानित व सरकारी ऐसी तीन श्रेणीयों वाले अस्पतालों द्वारा दिए जानेवाले विद्या वेतन में असमानता है. 27 फरवरी 2024 को जारी शासन निर्णयानुसार सभी अस्पतालों के लिए अपने यहां इंटर्नशिप करनेवाले वैद्यकीय पदविधारकों को प्रति माह 18 हजार रुपए का विद्यावेतन देना अनिवार्य है. परंतु अलग-अलग अस्पतालों में विद्यावेतन की राशि अलग-अलग तय की जाती है, ऐसा याचिकाकर्ताओं का कहना है.