विदर्भ

कुओं में मानसून बाद घटा जलस्तर

हाईकोर्ट में भूजल सर्वेक्षण विभाग का अजीब दावा

नागपुर/दि.7- नागपुर शहर के सार्वजनिक कुओं में भूजल की स्थिति पर भूजल सर्वेक्षण विभाग ने बंबई उच्च न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत की. रिपोर्ट में अजब दावा रहने की बात याचिकाकर्ता ने कही है. मानसून से पहले आमतौर पर कुओं में पानी का स्तर कम रहता है. किंतु रिपोर्ट में दावा किया गया कि, मानसून के बाद जलस्तर घटने का जिक्र है.
संदेश सिंगलकर ने यह याचिका दायर की है. उन्होंने नागपुर शहर के कुओं का पुनरुज्जिवन करने की विनती अदालत से की है. याचिका पर न्यायमूर्ति नितिन सांबरे और न्यायमूर्ति वृशाली जोशी के सामने सुनवाई हुई. याचिका में सिंगलकर ने दावा किया कि, नागपुर के आधे से अधिक कुएं सूख गये हैं. उसी प्रकार कुओं का पानी पीने लायक नहीं है. कोर्ट के आदेश पर भूजल सर्वेक्षण विभाग ने रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की, तो विभाग पर 3 हजार रुपए जुर्माना न्यायालय ने लगाया था. तब रिपोर्ट अदालत में पेश की गई.
याचिकाकर्ता के वकील स्मीता सिंगलकर ने उस पर आक्षेप लिया. अहवाल के अनुसार कुओं का जलस्तर मानसून के पहले अधिक और मानसून के बाद कम हो गया है. यह संभव नहीं होने का दावा उन्होंने किया. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को लिखित में अपनी आपत्ति दर्ज कराने कहा. मनपा की ओर से एड. सुधीर पुरानिक ने पक्ष रखा.

Back to top button