विदर्भ

बैंक के घोटाले रोकने क्या कर रहे है

नागपुर हाईकोर्ट का आरबीआई से सवाल

  • चार सप्ताह में पेश करना होगा प्रतीज्ञा पत्र

नागपुर/प्रतिनिधि दि.२२ – बैंक व वित्तीय संस्था में घोटाले रोकने के लिए ओैर घोटाले बाजों पर कडी कार्रवाई होनी चाहिए, इसके लिए क्या उपाय किये जा रहे हेै, इस तरह का प्रश्न मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने रिझर्व बैंक ऑफ इंडिया से किया है और इसपर चार सप्ताह में विस्तृत प्रतीज्ञा पत्र पेश करने के लिए कहा है.
यूको बैंक की वर्धा व हिंगणघाट शाखा में 25 करोड रुपयों का कर्ज घोटाला हुआ हेै. उस मामले पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्तिव्दय विनय देशपांडे व अमित बोरकर ने यह प्रतीज्ञापत्र मांगा है. साथ ही इस घोटाले में शामिल बैंक अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की गई अथवा की जाएगी इसकी जानकारी भी प्रतीज्ञापत्र में देने के निर्देेश दिये है. इस घोटाले की जांच के लिए सीबीआई ने विशेष दल की स्थापना की है. उनकी जांच में यूको बेैंक के 7 अधिकारियों के खिलाफ घोटाले के सबूत पाये गए है.
2017 में घोटाले के आरोपी तत्कालीन वर्धा शाखा व्यवस्थापक हंसदास दयाराम मेश्राम व हिंगणघाट शाखा व्यवस्थापक शंकर जयराम खोटेकर ने गिरफ्तारी पूर्व जमानत हासिल करने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. उस अर्जी पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने बैंक के उच्च अधिकारी सहयोग नहीं करते इस कारण मामले की जांच प्रलंबित रहने की जानकारी दी थी. परिणाम स्वरुप न्यायालय ने यह मामला अंत में ले जाने के लिए स्वयं की याचिका दाखल कर ली. एड. रजनीश व्यास ने न्यायालय मित्र के रुप में काम संभाला.

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