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‘जब होई धरम की हानी, तब-तब धरि प्रभु विविध शरीर..’

श्री राम कथा ज्ञानगंगा में रामजन्म का तृतीय पुष्प

* राधा रानीजी के कथा श्रवण का श्रद्धालु रहे लाभ
धामणगांव रेलवे/दि.21जब होई धरम की हानी, बाढ़हि असुर अधम अभिमानी, तब-तब धरि प्रभु विविध शरीरा, हरहि दयानिधि सज्जन पीरा अर्थात जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, दुष्टों का प्रभाव बढ़ने लगता है, तब सज्जनों की पीड़ा हरने के लिए प्रभु का अवतार होता है.
माहेश्वरी भवन माहेश्वरी में महिला मंडल एवं तहसील माहेश्वरी महिला संघठन द्वारा श्री राम कथा अवसर पर श्री राधा रानी जी ने उपस्थित श्रीराम भक्तों को अपनी ओजस्वी वाणी से रसपान करवाया. श्री राम जन्मोत्सव का समा बांधा नृत्य और झांकियों से सजी कथा में बेहद श्रीराम जन्म की मनमोहक प्रस्तुत की गयी.इसमें दशरथ-रोशनी मूंधड़ा, राम- वेदम मूंधड़ा, कौशल्या- सारिका पनपालीया, कैकेयी- कोमल इंदाणी, सुमिता- आरती चांडक, भरत- निरम चांडक, लक्ष्मण- अभिमन्यु बूब, शत्रुघन- दुर्दविका इंदाणी ने भूमिका अदा की. वाल्मीकि रामायण का संस्कृत मूल मंत्र सीता चरित्र पर रहा तो वही रामचरित्र मानस का मूल आधार तुलसीदास जी के इस दोहे को बताया. होईही सोई,जो राम रचि राखा, को करी तर्क बढ़ावे साखा सरल भाषा में इस वेद को स्वरूप दिया और वह आज घर-घर तक पहुंचा. रामायण में रावण का वध ही उदेश होता तो प्रभु अयोध्या से ही बाण चलाकर यह कार्य सरल कर लेते किंतु वृंदा (तुलसी) का श्राप और नारद मुनि का श्राप कैसे पूरा होता और धर्म की स्थापना कैसी होती रामचरित्र इंसानियत है जिसे हर इंसान को आत्मसात करना चाहिए इसी कड़ी में शुक्रवार 21 जुलाई को बाल लीला विश्वामित्र आगमन यह प्रसंग पर राधा रानी कथा आधारित रहेगी श्रीराम जन्मोत्सव पर सुंदर नृत्य की प्रस्तुति निर्मल भैया,रश्मी राठी, नीता मूंधड़ा, श्रुति राठी, नीलम चांडक, हर्षा राठी, सीमा चांडक, अर्चना राठी, जया लाहोटी, जया मूंधड़ा, सपना राठी, रश्मी मूंधड़ा, श्वेता केला, दिया राठी, माही राठी ने दी.
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