धामणगांव रेल्वे/9 मार्च – पुलिस की तरह होमगार्ड भी उसी तरह की जिम्मेदारी निभाते हैं. इस कारण पुलिस की तरह उन्हें वेतन मिलना चाहिए. विगत भाजपा-शिवसेना युती शासन के काल में उन्हें न्याय देने का प्रयास किया गया. मात्र इस महाविकास आघाड़ी सरकार के काल में इन होमगार्ड पर अन्याय हो रहा है. उन्हें न्याय कब देंगे, ऐसा सवाल धामणगांव विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक प्रताप अडसड ने विधानसभा अधिवेशन में निर्माण किया.
राज्य के 44 हजार होमगार्ड के बारे में सवाल करने वाले यह पहले विधायक हैं. राज्य के पुलिस दल की तरह ही होमगार्ड का कानून व सुव्यवस्था बनाये रखने में बड़ा योगदान है. लेकिन आघाड़ी सरकार के समय में इन होमगार्ड बंधुओं पर बड़े पैमाने में अन्याय हो रहा है. कोरोना काल में उन्हें किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं मिली, वहीं वेतन की समस्या हल नहीं हुई. इस गंभीर प्रश्न की ओर राज्य सरकार कब ध्यान देगी, ऐसा सीधा सवाल विधायक प्रताप अडसड ने राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख से किया. आघाड़ी सरकार में शिवसेना सत्ता में है, इस कारण कम से कम होमगार्डों को न्याय दिया जाये, ऐसी अपेक्षा हम व्यक्त करते हैं, ऐसे विचार विधायक अडसड ने अधिवेशन में रख होमगार्ड ही का प्रश्न रखा. दरमियान होमगार्ड को तुरंत न्याय दिये जाने का आश्वासन राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने विधायक प्रताप अडसड को दिया.