वर्धा/दि.29 – इन दिनों किसानों का सफेद सोना रहने वाले कपास फसल को अच्छे दाम मिल रहे है. इस वर्ष किसानों को कपास फसल का उत्पादन तो कम हुआ, लेकिन उचे दाम मिलने से किसानों का घाटा कवर हो गया है. इस वर्ष यहां के सिंधी रेल्वे बाजार समिति में कपास को प्रति क्विंटल 13 हजार 335 रुपए दाम मिला. पहली बार ही कपास फसल को इतने दाम मिलने से किसान वर्ग भी हर्षित है.
इस वर्ष कपासी फसल की बुआई बेहद कम हुई थी. उसके बाद बोंड इल्ली ने भी आदि फसल चौपट कर डाली. जिससे किसानों को अपेक्षा अनुरुप उत्पन्न नहीं हो पाया. लेकिन इस वर्ष अच्छे दाम मिलने से किसानों की लागत निकलकर थोडी बहुत कमाई भी हुई. इस वर्ष यदि यहीं रेट कायम रहते है और कपास के नये एचबीटी बीज को मान्यता मिलती है, तो फिर विदर्भ फिर एक बार सफेद सोने के उत्पादन में अव्वल रहेगा. यह विश्वास किसानों को है.
* उचे दामों का फायदा व्यापारियों को
इस वर्ष कपास फसल पर चिकट्या नामक रोग के चलते कपास निकालने के लिए दुगनी मजदूरी देनी पडी. कम उत्पादन तथा लागत निकलने के लिए किसानों ने अपना माल व्यापारियों को बेच दिया. गिने-चुने किसानों के पास ही अभी कपास होगा. ऐसे में कपास को मिल रहे अच्छे दामों का फायदा किसानों से अधिक व्यापारियों को हो रहा है, ऐसी जानकारी पहले ही अपना कपास व्यापारियों को बेच चुके किसानों ने व्यक्त की.