विदर्भ

बालासाहब का नाम किसे और कहा कहा दें, सरकार ही तय करें

नागपुर प्रतिनिधि/दि.२० – नागपुर स्थित गोरेवाडा आंतरराष्ट्रीय प्राणी संग्राहलय का नामकरण अब द्गबालासाहब ठाकरे गोरेवाडा आंतरराष्ट्रीय प्राणी उद्यान नागपुरद्घ ऐसा हुआ है. मंगलवार को मुंबई में यह घोषणा हुई है. इस बाबत का हाल ही में शासन निर्णय जारी किये जाने की जानकारी वनमंत्री संजय राठोड ने दी.
नागपुर के पास गोरेवाडा में आंतरराष्ट्रीय प्राणी उद्यान साकार किया जा रहा है. महाराष्ट्र वन विकास महामंडल के व्यवस्थापकिय संचालक के अधिकार क्षेत्र में रहने वाले इस प्रकल्प में आंतरराष्ट्रीय दर्जें की पर्यटन सुविधा उपलब्ध कर देने के लिए प्रकल्प प्रारुप बनाया गया है. यहां आंतरराष्ट्रीय दर्जे की सफारी व सुविधा उपलब्ध करन देने की कार्रवाई शुरु है.
गोरेवाडा आंतरराष्ट्रीय प्राणी संग्रहालय का नामकरण कर ने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने इसपर प्रतिक्रिया दी है. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे का नाम देने के लिए हमारा कभी भी विरोध नहीं है किंतु शिवसेना प्रमुख का नाम किसे-किसे और कितनी जगह देना इसका निर्णय राज्य सरकार ने लेना चाहिए, ऐसा देवेंद्र फडणवीस ने इस समय कहा.
गोंड आदिवासी समाज से जुडे रहने से प्राणी संग्रहालय को गोंडवाना नाम देने की गोंड समाज की मांग थी और वह मान्य भी की गई थी. शिवसेना प्रमुख के नाम का विरोध नहीं है, लेकिन विवाद होगा, ऐसी जगह पर वह न दें, ऐसा मुझे लगता है. इस तरह के विचार देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किये. भाजपा प्रदेश कार्यालय में संगठनात्मक बैठक के बाद देर रात पत्रकारों से बातचित में देवेंद्र फडणवीस ने यह बयान दिया है.

  • भारतीय सफारी को होगा प्रारंभ

विविधतापूर्ण रहने वाले इस उद्यान की भारतीय सफारी का काम पूर्ण हुआ है. 26 जनवरी को मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के हस्ते वह जनता के लिए खुली की जाएगी. इस भारतीय सफारी में व्याघ्र सफारी, तेंदुआ सफारी, भालु सफारी, तृणभक्षी प्राणी सफारी का समावेश रहेगा. इसके लिए प्राणियों का स्थलांतरण किया गया है. उद्घाटन बाद 40 सीट क्षमता के तीन विशेष वाहन व ऑनलाइन टिकट बुकिंग सुविधा उपलब्ध कर दी जाएगी.

  • ऐसा है गोरेवाडा आंतरराष्ट्रीय प्राणी संग्रहालय

– 2 हजार हेक्टेयर वनक्षेत्र पर निर्माण, महाराष्ट्र वन विकास महामंडल से काम पूर्ण
– नागपुर शहर के मध्य से प्रकल्प का अंतर केवल 6 किलोमीटर
– भविष्य में निसर्ग पर्यटन व रोजगार संधी को बढावा
– वन्यजीव संवर्धन, संशोधन व शिक्षण तथा वन्यजीव पुनर्वसन का काम भी प्राणी उद्यान में होगा.

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