हमारे बच्चों को कौन पढाएगा?

शिक्षकों की मांग हेतु पालक पहुंचे हाईकोर्ट

* जिला परिषद को हाईकोर्ट ने दिया ‘जैसे थे’ का आदेश
वर्धा /दि.28– शालेय शिक्षा विभाग द्वारा नई संचमान्यता का मानक लागू किए जाने के चलते शैक्षणिक सत्र 2024-25 हेतु कई शालाओं में शिक्षकों के पद मंजूर नहीं हुए. जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र में विद्यार्थियों का शैक्षणिक भविष्य खतरे में आ गया है, इस आशय की शिकायत करते हुए वर्धा जिले की कई अभिभावकों ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में गुहार लगाई है. साथ ही अदालत ने ग्रीष्मकालिन अवकाश के दौरा तत्काल सुनवाई करते हुए जिला परिषद को शिक्षकों की स्थिति व संख्या ‘जैसे थे’ रखने का आदेश दिया है. इस मामले में न्या रोहित जोशी की अवकाशकालिन खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हुई.
याचिका के अनुसार शालेय शिक्षा विभाग ने 15 मार्च 2025 को संचमान्यता के नए मानक लागू किए. जिसके चलते इस शैक्षणिक वर्ष हेतु कई शालाओं में शिक्षकों के पद मंजूर नहीं हुए. विशेष तौर पर 20 से कम विद्यार्थी संख्या रहनेवाली शालाओं में कक्षा छठवीं से आठवीं के लिए विज्ञान, गणित, भाषा व सामाजिक शास्त्र विषय हेतु एक भी शिक्षक का पद मान्य नहीं हुआ. जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को कौन पढाएगा, यह सवाल उपस्थित हुआ है. इस गंभीर समस्या पर उपाय खोजने हेतु वर्धा जिले के अभिभावकों ने एड. प्रदीप क्षीरसागर के मार्फत नागपुर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की. जिसमें कहा गया कि, शिक्षा अधिकार अधिनियम के अनुसार कक्षा छठवीं से आठवीं हेतु विषय अनुसार पदवीधर शिक्षकों की नियुक्ति करना अनिवार्य है. परंतु नए मानक के चलते ग्रामीण क्षेत्र की शालाओं में शिक्षा व्यवस्था का नियोजन गडबडाने का खतरा उत्पन्न हुआ है.
इस याचिका पर हाईकोर्ट ने तत्काल सुनवाई करते हुए मौजूदा शिक्षक संख्या को ‘जैसे थे’ रखने का आदेश दिया. इस निर्णय को अभिभावकों एवं विद्यार्थियों के लिए काफी बडी राहत माना जा रहा है. साथ ही अदालत ने जिला परिषद को नोटिस जारी कर 26 जून तक अपना जवाब प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया है.

* वर्धा जिले की 10 शालाओं का समावेश
हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेशानुसार वर्धा जिले की 10 शालाओं में मौजूदा शिक्षक संख्या कायम रहेगी. जिनमें जिप शाला काजलसारा (हिंगणघाट), जिप शाला तास, जिप शाला मदनी, जिप शाला तरोडा (कारंजा), जिप शाला पोरगव्हाण, जिप शाला तारासावंगा (आष्टी), जिप शाला करंजी (भोगे), जिप शाला बाभुलगांव (देवली), जिप शाला बोरगांव हताला व जिप शाला शेगांव कु. का समावेश है.

* वर्धा जिले सहित अन्य जिलों की कई जिप शालाओं में छठवीं से आठवीं कक्षा की पटसंख्या 20 से कम है. जिसके चलते इन जिलो की कक्षाएं बंद हो जाएंगी और हजारों शिक्षक अतिरिक्त हो जाएंगे. ऐसे में हाईकोर्ट के निर्णय को वर्धा जिले सहित अन्य सभी जिलों के लिए भी लागू करने का प्रयास किया जाएगा.
– एड. प्रदीप क्षीरसागर.

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