विदर्भ

शेगांव संस्थान को क्यों नहीं दी खडवाडी की जमीन

हाईकोर्ट का सवाल, 27 तक जवाब मांगा

नागपुर/दि.21 – देश-विदेश के भाविकों का श्रद्धास्थान रहने वाले तिर्थक्षेत्र शेगांव के संत गजानन महाराज संस्थान को खडवाडी व मातंगवाडी की जमीन का ताबा क्यों नहीं दिया गया, यह सवाल मुंबई हाईकोर्ट के नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है. इस पर 27 जुलाई तक स्पष्टीकरण देने के निर्देश कोर्ट ने दिये है.
हाईकोर्ट में शेगांव के सर्वांगिण विकास को लेकर जनहित याचिका प्रलंबित है. इस याचिका पर बुधवार को न्यायमूर्ति सुनिल शुक्रे व गोविंद सानप के पीठ समक्ष सुनवाई हुई. मामले के न्यायालय मित्र एड. फिदौस मिर्जा ने कोर्ट ने 5अप्रैल 2018 व 14 जनवरी 2021 को दिये आदेश पर ध्यान खिंचते हुए संबंधित आदेश अनुसार राज्य सरकार को खडवाडी व मातंगवाडी की जमीन का ताबा संस्थान को देना था. लेकिन अभी तक उन आदेशों का अमल नहीं किया गया है. खडवाडी में सरकारी जमीन है, जहां पर भव्य पार्किंग प्लाझा का निर्माण प्रस्तावित है. संबंधित जमीन पर अतिक्रमण कर रहने वाले नागरिकों के पुनर्वसन के लिए संस्थान द्बारा आकोट रोड पर 11 एकड जमीन सरकार को दी है. उस जगह पर आकर्षक घरों का निर्माण किया गया है. नागरिक वहां रहने गये है. इसी प्रकार मातंगवाडी के नागरिकों के पुनर्वसन के लिए संस्थान द्बारा म्हाडा को 5 करोड रुपए दिये गये है. यहां के 11 व्यावसायियों को प्रत्येकी 11 लाख रुपए कीमत वाली दूकानें खरेदी कर दी गई है. इसके बाद भी संबंधित दोनों जमीनों का कानूनी ताबा संस्थान को नहीं मिला. इसी के साथ ही संत गजानन महाराज मंदिर से बालापुर रोड पर स्थित आनंद विहार तक के स्कायवॉक की देखभाल व नाला सौंदर्यीकरण के लिए संस्थान को हस्तांस्तरीत करना था. उस पर भी सरकार ने किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की. जिससे कोर्ट ने इस सभी मामलों पर सरकार से 27 जुलाई तक जवाब मांगा है.

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