विदर्भ

धनंजय मुंडे के कार्यकाल में नीति किसलिए बदली?

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा स्पष्टीकरण

नागपुर /दि. 17- वर्ष 2023 में राज्य सरकार को कृषि साहित्य खरीदी की नीति में बदलाव करने की आवश्यकता क्यों पडी, ऐसा सवाल मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने किया है. इस संदर्भ में राजेंद्र मात्रे ने दर्ज की जनहित याचिका के आरोप में तथ्य रहने का निरीक्षण दर्ज करते हुए न्यायमूर्ति नितिन सांबरे और न्यायमूर्ति वृषाली जोशी की खंडपीठ ने सरकार को दो सप्ताह में स्पष्टीकरण देने कहा है.
कृषि विभाग ने 5 दिसंबर 2016 को कृषि साहित्य खरीदी के लिए डीबीटी योजना शुरु की थी. 2023 में धनंजय मुंडे कृषि मंत्री रहते इसमें बदलाव हुआ. 23 अक्तूबर 2023 को तत्कालीन कृषि मंत्री धनंजय मुंडे ने डीबीटी योजना बंद की और खुद ने कृषि साहित्य खरीदी करने का निर्णय लिया. इसके लिए राज्य शासन द्वारा 103.25 करोड रुपए की निधि भी मंजूर की गई थी. 12 मार्च 2024 के अध्यादेश के मुताबिक शासन की तरफ से बैटरी पर चलनेवाले स्प्रे पंप खरीदी के लिए डेढ हजार रुपए प्रति पंप के हिसाब से 80.99 करोड रुपए की निधि दी जानेवाली थी. लेकिन शासन ने 3 लाख 3 हजार 507 पंप करीबन 104 करोड रुपए में खरीदे. याचिकाकर्ता के मुताबिक शासन को एक पंप 3 हजार 425 रुपए में मिला. यवतमाल की एक दुकान में इसी पंप की कीमत 2650 रुपए थी. बडी संख्या में पंप की खरीदी होने से शासन के पास बाजारमूल्य से कम मूल्य में पंप खरीदी करने का मौका था. लेकिन शासन ने अधिक पैसे देते हुए पंप खरीदी किए.

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