नागपुर/दि.6- बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने अपनी कमाई न बताने के कारण एक महिला को उसके पति से मिल रहे 5 हजार के गुजाराभत्ता को रद्द कर दिया. न्या. अनिल पानसरे ने यह फैसला हाल ही में दिया है. यह दंपति बुलढाणा जिले का रहनेवाला है. उन्हें 22 साल की बेटी और 15 साल का बेटा है. दोनों मां के साथ रहते हैं. इनका विवाह 15 दिसंबर 1998 को हुआ था. कुछ वर्षो में पारिवारिक विवाद बढ जाने से दोनों पति-पत्नी अलग-अलग रहने लगे.
पत्नी ने अपने और बच्चों के लिए गुजाराभत्ता हेतु परिवार कोर्ट में अर्जी दी थी. 12 अगस्त 2022 को परिवार न्यायालय ने हर माह 5 हजार रुपए निर्वाह भत्ता देने का निर्देश दिया था. जिसे पति ने कोर्ट में चुनौती दी. हाईकोर्ट में बताया गया कि पत्नी को दो दुकानों का किराया मिलता है. वह भोजनालय भी चलाती है उसे निर्वाह भत्ते की आवश्यकता नहीं. किंतु कोर्ट ने पुत्र और पुत्री को निर्वाह भत्ता देने कहा.