नागपुर प्रतिनिधि/दि.13 – पति को न बताते हुए न पूछते हुए पत्नी का बार-बार मायके जाना और वहां महिनों तक रहना, पति के साथ लगातार किसी न किसी कारणों से झगडा करना और पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करना यह बाते तलाक का कारण बन चुकी है. पत्नी की यह हरकत पति को मनस्ताप देने वाली है. इस तरह का निरीक्षण मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने नोंद कर इस कारणों से पति को मिला हुआ तलाक योग्य ठहराया है.
न्यायमूर्तिव्दय अतुल चांदुरकर व पुष्पा गनेडीवाला ने यह निर्णय दिया है. नागपुर के लुर्दमेरी व जॉनी (बदले हुए नाम) का 24 अक्तूबर 2007 को विवाह हुआ था. उसके बाद लुर्दमेरी संयुक्त परिवार में कुछ महिने रहीं, लेकिन आगे वह पति को न बताते हुए बार-बार मायके जाने लगी. उसकी संयुक्त परिवार में रहने की इच्छा नहीं थी. जॉनी उसे हर बार ससुराल में वापस लाता था. इस बीच उसने पुलिस थाने में प्रताडना की शिकायत दर्ज की. महिला सेल की मध्यस्थता से विवाद निपटाया गया.
बेटे का जन्म होने के बाद लुर्दमेरी ससुराल आने के लिए तैयार नहीं थी. जॉनी ने कानूनी नोटीस देने से वह लौट आयी. उसकी संयुक्त परिवार में रहने की इच्छा न रहने से जॉनी ने किराये का घर लिया था किंतु वहां पर भी लुर्दमेरी समाधानी नहीं थी. वह लगातार झगडे कर जॉनी को मानसिक व शारीरिक रुप से प्रताडित करती थी. परिणाम स्वरुप जॉनी ने क्रुरता के आधार पर तलाक के लिए परिवार न्यायालय में याचिका दायर की. 2 मई 2017 को वह याचिका मंजूर हुई. उस निर्णय के खिलाफ लुर्दमेरी ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी.