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किसी भी समय लेंगे अप्पर वर्धा बांध में जलसमाधी

स्वाभिमानी शेतकरी संगठना के कार्यकर्ता आक्रामक

* हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश से बांध क्षेत्र में फसलों का भारी नुकसान
मोर्शी/दि.27– अप्पर वर्धा बांध क्षेत्र के किसानों की खेती और फसलों का बाढ व बारिश के कारण करोडों रुपए का नुकसान हुआ है. पिछले अनेक साल से यह नुकसान होना श्ाुरु ही है. किसानों ने नुकसान भरपाई की मांग की रहते हुए उन्हें अब तक नुकसान भरपाई नहीं मिल पाई है. आखिरकार संतप्त मोर्शी, सिंभोरा, बेलोरा, येवती की सैकडों किसानों ने स्वाभिमानी शेतकरी संगठना के जिलाध्यक्ष अमित अढाउ के नेतृत्व में पूर्व सूचना न देते हुए किसी भी समय अप्पर वर्धा बांध के जलाशय में कूदकर जलसमाधी लेने की चेतावनी दी है. इस आशय का एक लिखित ज्ञापन 24 जुलाई को नवनियुक्त जिलाधिकारी सौरभ कटियार को सौंपा गया.
मोर्शी से 7 किमी दूरी पर स्थित अप्पर वर्धा बांध के 13 दरवाजे खोलने से नदी के तट पर स्थित जमीन पूरी तरह चौपट होने से सिंभोरा, येवती, भाबोंरा गांव के किसानों की संतरा, कपास, सोयाबीन समेत अन्य फसलों का भारी नुकसान हुआ. इस बाबत संबंधित किसानों ने वर्ष 2007 से नुकसान भरपाई की मांग की है. हल निकालने के लिए किसानों ने अनेक बार संबंधित अधिकारियों से मुलाकत कर ज्ञापन सौंपे है. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिलाधिकारी ने 24 नवंबर 2022 को जारी किए आदेश के मुताबिक किसानों के खेत में जलजमाव होने से हुए नुकसान का सर्वेक्षण कर बाधित किसानों के नाम से 54 लाख 20 हजार रुपए का पत्र कार्यकारी अभियंता उर्ध्व वर्धा सिंचन विभाग अमरावती को भेजा गया. फिर भी जिलाधिकारी के इस पत्र की अनदेखी की गई, ऐसा स्वाभिमानी शेतकरी संगठना के जिलाध्यक्ष अमित अढाउ ने कहा. अप्पर वर्धा बांध क्षेत्र के किसानों की जायज मांग को गंभीरता से लेकर आर्वी के विधायक दादाराव केचे ने मानसून अधिवेशन में इस मुद्दे को उठाया. परिणामस्वरुप स्वाभिमानी शेतकरी संगठना के जिलाध्यक्ष अमित अढाउ, प्रफुल उमरकर, मंजूषा उमरकर, संगीता देवताले, वनिता देवताले, आशा नांदने, सुरेखा नांदने, सुशीला नांदने, जयदेव नांदने, अवधूत महारे, मिलिंद उमरकर, संजय आपकाजे, परशुराम पारिसे, पुरुषोत्तम देवताले, संजय नांदने समेत सैकडों कार्यकर्ताओं ने आगामी आंदोलन पूर्व सूचना न देते हुए अप्पर वर्धा बांध में जलसमाधी लेने की चेतावनी दी है.

* शासन के पास 90 प्रस्ताव पडे
महाविकास आघाडी की सरकार रहते जयंत पाटिल जलसंपदा विभाग के मंत्री थे. उस समय नियामक मंडल की बैठक हर दो माह में होती थी. नियमानुसार यह बैठक दो माह में एक दफा होना आवश्यक भी है. इस बैठक में विदर्भ के सभी प्रश्न हल होते है, लेकिन शासन के पास 90 प्रस्ताव अभी भी धूल खाते पडे हैं.

* तत्काल नुकसान भरपाई दें
अप्पर वर्धा बांध के जलाशय के कारण किसानों की फसलों का और खेती का भारी नुकसान हुआ है. उन्हें तत्काल नुकसान भरपाई प्रदान की जाए.
– अमित अढाउ,
जिलाध्यक्ष, स्वाभिमानी शेतकरी संगठना

 

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