विदर्भ

चुनाव के साथ संगठन विस्तार पर रहेगा संघ का फोकस, प्रतिनिधि सभा 19 से बंगलुरु में

सरसंघचालक डॉ. भागवत व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी बंगलुरु के लिए हुए रवाना

नागपुर/दि.13 – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिधि सभा 19 व 20 मार्च को बंगलुरु मेें होगी. संगठन चुनाव के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण इस सभा में संघ कार्य विस्तार की समीक्षा होगी. अगले लोकसभा चुनाव व संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर संगठन विस्तार के कार्यक्रम पर फोकस रहेगा. बताया जा रहा है कि इस बार संघ की सभा के नियोजन की तैयारी पूरी तरह से सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के मार्गदर्शन में चल रही है. शुक्रवार को सरसंघचालक डॉ. भागवत व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी बंगलुरु के लिए रवाना हुए हैं. इससे पहले 3 से 4 दिन तक दोनों पदाधिकारियों ने नागपुर मेें रहकर ही सभा की तैयारी का नियोजन किया. एक पदाधिकारी के अनुसार सभा के समापन के मौके पर सरसंघचालक संबोधित करेंगे. उनके इस संबोधन में संघ की भविष्य की रणनीति का संदेश मिलेगा. इस बीच सरकार्यवाह का चुनाव भी होगा. भैयाजी जोशी 12 वर्ष से सरकार्यवाह है. लिहाजा चर्चा है कि, इस सभा में जोशी के बजाय अन्य पदाधिकारी को सरकार्यवाह चुना जा सकता है.
संघ संगठन के विस्तार पर प्रमुखता से चर्चा होगी. शिक्षा के भारतीयकरण व चीन से संघर्ष की समीक्षा होगी. प्रत्येक प्रांत के 6 से 7 पदाधिकारियों से कार्य अनुभव का ब्यौरा लिया जाएगा. 2014 में लोकसभा चुनाव व 2025 में संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर भी चर्चा होगी. कोरोना काल में संघ कार्यकर्ताओं को मिले नए अनुभवों के अलावा शाखाओं के बंद रहने के परिणामों पर भी चर्चा के साथ हुई कार्ययोजना तैयार होगी. खासकर संगठन कार्य को डिजिटल करने व गांव, करबे में तकनीकी विशेषज्ञ स्वयंसेवक तैयार करने को लेकर भी मंथन होगा.
संघ में सरकार्यवाह का भले ही चुनाव होता है लेकिन अब तक यह चुनाव निर्विरोध ही रहा है. भैयाजी जोशी के बारे में चर्चा थी कि, वे स्वास्थ्य कारणों से सरकार्यवाह पद की जिम्मेदारी नहीं संभालना चाहते है, लेकिन उनके अनुभव को देखते हुए उनकी जिम्मेदारी कायम रही. अब उन्हें संघ से जुडे संगठनों में समन्वयक की जिम्मेदारी दी जा सकती है. पिछली बार सरकार्यवाह पद के लिए दत्तात्रेय होसबले का नाम चल रहा था. होसबले सहसरकार्यवाह है. वे कर्नाटक के है. इस बार सरकार्यवाह पद के लिए होसबले के अलावा डॉ. कृष्णा गोपाल, मनमोहन वैद्य का नाम प्रमुखता से चर्चा में है. संगठन के प्रचारकों को भी नई जिम्मेदरियां मिल सकती है.
सभा के आयोजन में बदली हुई व्यवस्था नजर आएगी. संघ की प्रतिनिधि सभा हर वर्ष होती है. लेकिन 3 वर्ष में प्रमुख प्रतिनिधि सभा का आयोजन नागपुर में होते रहा है. इस सभा में सरकार्यवाह सहित प्रांत संघचालक, विभाग संघ चालक, जिला संघ चालक चुने जाते है. वर्ष 2020 में कोरोना प्रभाव का शुरुआती दौर था, तब नागपुर के बजाय बंगलुरु में सभा आयोजन का निर्णय लिया गया. लेकिन देश भर में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सभा स्थगित कर दी गई थी. आम तौर पर प्रतिनिधि सभा 3 दिन की होती है, लेकिन इस बार दो दिन की ही होगी. संघ पदाधिकारी के अनुसार प्रतिनिधि सभा में 1400 से अधिक पदाधिकारी शामिल होते रहे हैं. लेकिन इस बार 700 पदाधिकारियों को ही आमंत्रित किया गया है. आमंत्रितों में प्रमुख पदाधिकारियों के अलावा प्रांत पदाधिकारी का समावेश है. संघ से जुडे विविध संगठनों के पदाधिकारियों को नहीं बुलाया गया है. इन संगठनों के पदाधिकारियों के अलावा अन्य लोगों के लिए अलग से दो ऑनलाइन सत्र होंगे.

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