विदर्भ

पुलिस की जगह महिला की लाश

लता मंगेशकर अस्पताल की घटना

  • अंत्यसंस्कार के समय समझ आयी गलती

नागपुर/दि.७ – कोरोना पॉजिटीव मरीज की मौत के बाद भी अवहेलना होने का मामला अब भी नहीं थम रहा है. लता मंगेशकर अस्पताल में इलाज के दौरान मरने वाले पुरुष की जगह महिला की लाश दिये जाने ओैर मोक्षधाम घाट पर अंत्यसंस्कार के समय यह बात समझ आने के कारण बडा अनर्थ टला. घर का सदस्य चले जाने के दुख में रहने वाले रिश्तेदारों को बेवजह मानसिक परेशानी का सामना करना पडा. इस मामले में मनपा के कर्मचारियों की गलती होने की बात अस्पताल ने कही हेै.

कोरोना वायरस का प्रादुर्भाव शुरु हुआ, उसे ६ माह बीत चुके है, परंतु प्रशासन ने खुद का एक भी अस्पताल शुरु नहीं किया.मेयो, मेडिकल, कोविड अस्पताल इन सभी अस्पतालों में प्रति ६०० बेड की व्यवस्था है. फिलहाल ऑक्सिजन आपूर्ति कर मरीज भर्ती प्रक्रिया बंद है. मेयो अस्पताल के पलंग भी फुल हो चुके है. सामान्य गरीब लोगों के लिए निजी अस्पताल नहीं है. मनपा के अस्पताल में मरीजों की सेवा बंद कर दी गई, जिसके कारण कोरोना प्रभावित मरीजों के इलाज के लिए भागदौड करने का समय आ गया है.काफी प्रयास के बाद भी बेड उपलब्ध न होने के कारण मरीजों की जान पर खतरा मंडराने लगा है.

मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले ६२ वर्षीय पुरुष मरीज को लता मंगेशकर अस्पताल में कोविड इलाज के लिए भर्ती किया गया था. इलाज के दौरान रविवार को उनकी मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन ने इसकी जानकारी महानगर पालिका को दी. मनपा की टीम अपना वाहन लेकर अस्पताल पहुंचे. इससे पहले रिश्तेदारों व्दारा पहचान कराई गई. इस समय ६१ वर्षीय महिला की लाश ले जाने के लिए मनपा का ही एक वाहन खडा था. मनपा के कर्मचारियों ने वाहन में लाश रखते समय गलती की. पुरुष की लाश मोक्षधाम के घाट पर और महिला की लाश पर हिंगणा के घाट पर अंत्यसंस्कार किया जाना था.मगर मोक्षधाम घाट पर अंत्यसंस्कार करते समय वह लाश महिला की होने की बात रिश्तेदारों को समझ में आयी. यह सनसनीखेज घटना की जानकारी अस्पताल को दी गई. उन्होंने तत्काल वाहन भेजकर लाश अपने कब्जे में ली. हिंगणा की लाश बुलाकर उचित रिश्तेदारों के हवाले की गई.

लाश की शिनाख्त के बाद सौंपी गई

अस्पताल में इलाज के दौरान मौत होने वाले दोनों लाशों की शिनाख्त करने के बाद रिश्तेदारों को लाश सौंपी जाती है. साथ ही लाश पर टैग भी लगाया जाता है. इस मामले में लाश रखते समय मनपा कर्मचारियों से गलती हुई है, इसमें अस्पताल की कोई भी गलती नहीं है.

– डॉ.काजली मित्रा, अधिष्ठाता लता मंगेशकर अस्पताल

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