विदर्भ

विश्व मधुमक्खी दिन

मीठे शहद में मिलावट की कड़वाहट

* घर में ही शुद्धता की करें जांच
नागपुर/दि.20- शहद अपने शरीर के लिए अमृत समान है. इसमें रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ाने वाल गुणधर्म होते हैं. सर्दी-खांसी एवं गले के संसर्ग हेतु लड़ने की क्षमता इसमें होती है. लेकिन इस अमृत में मिलावट करने का प्रकार काफी मात्रा में बढ़ने लगा है. कुछ बड़ी कंपनियां भी इसमें सहभागी होने की बात हाल ही में एक जांच के दौरान सामने आयी है. जिसके चलते शुद्ध शहद की पहचान के लिए ग्राहकों को अधिक जागरुक होनी की आवश्यकता विश्व मधुमक्खी दिन निमित्त तज्ञों ने व्यक्त की.
शहर होने वाला लाभ आयुर्वेद में बताया गया है. घरेलु दवा के रुप में पहले से ही घर-घर में शहद का इस्तेमाल किया जाता है. नियमित शहद का सेवन करना चाहिए. ऐसा कई बार सुनने मिलता है. लेकिन शहद में होे वाली मिलावट के कारण ग्राहकों का सिरदर्द बढ़ा है. लाभ होने की अपेक्षा इससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है, ऐसा धोखा तज्ञों द्वारा दर्शाया गया है. शक्कर, कॉर्न स्टार्च, ग्लुकोज सोल्युशन या फूड कलरिंग समान फिलहाल सॉल्वेट्स जोड़कर शहद की गुणवत्ता से छेड़छाड़ की जाती है. सेंटर फॉर साइन्स एंड एन्व्हायर्नमेंट (सीएसई) द्वारा की गई जांच से यह बात सामने आयी है. शहद तैयार करने वाली कुछ कंपनियों द्वारा इसमें शक्कर मिलाने के तथ्य इसमें रखे गए हैं.

ऐसे पहचाने शुद्ध शहद को
– शहद शुद्ध है या मिलावट युक्त इसकी जांच के लिए पानी में शहद की कुछ बूंदें डाले. यदि शहद पानी के तल में जमा होने पर वह शुद्ध है, ऐसा समझे. वही शहद पानी में मिलने परवह मिलावटी है, यह समझना चाहिए.
– आयोडीन की सहायता से भी शुद्ध शहद को परखा जा सकता है. इसमें पानी में शहद मिलने के बाद इसमें थोड़ा आयोडिन डाले. यदि इस मिश्रण का रंग नीला हुआ तो इसमें स्टार्च या आटा मिला है, ऐसा समझिए.
– ब्लोटिंग पेपर पर थोड़ा सा शहद ले. पेपर ने शहद शोषित किया हो तो इसमें मिलावट है, ऐसा समझना चाहिए.
-एक लकड़ी में कपास लपेटकर वह शहद में डुबोए. पश्चाच इसे आग लगाये. यदि शहद जलने लगा तो वह शुद्ध है, ऐसा समझिए.
– मिलावट की शंका होने पर अन्न व औषध प्रशासन विभाग में भी शिकायत कर सकते हैं. प्रयोगशाला में नमुना भेजकर शहद की शुद्धता की जांच की जा सकती है.

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