* चालक और वाहक को रास्ते पर गुजारनी पडी रात
परतवाडा/ दि. 26– महाराष्ट्र राज्य परिवहन महामंडल की अधिकांश बसेस कबाडा हो चुकी है. यात्रियों को सफर करने में काफी तकलीफदेह साबित हो रही है. एसटी की बसेस कभी भी कहीं भी रास्ते में बंद जाती ह््ै. जिसके कारण यात्रियों को रात बेरात परेशानियों का सामना करना पडता है. इसी तरह की एक घटना 23 अप्रैल को देखने को मिली. नेर डीपों की बस यवतमाल से चिखलदरा के लिए रवाना हुई. मगर वलगांव से आष्टी के बीच बस बिगड गई. यह देखकर चालक वाहक ने बस सडक किनारे रोक दी.
बस में सवार यात्रियों को अन्य बस में बिठाकर रवाना किया. मगर चालक और वाहक को बस के पास में ही बैठकर जंगल में रात बितानी पड़ी. मोबाइल की टॉर्च में इन एसटी कर्मचारियों ने यांत्रिक कर्मचारियों का इंतजार किया. खास बात यह है कि, इस घने अंधेरे में ही अपने टिफिन खोलकर इन दोनों ने यहां पर ही भोजन किया. ऐसी गंभीर हालत भंगार बस के कारण इस चालक, वाहक की हुई है.
एसटी महामंडल नेर आगार बस एमएच 40 एक्यु 6398 यवतमाल से चिखलदरा के लिए निकली थी. मगर जो बस यहां जाने वाली थी उस बस के लाइट बंद हो गये फिर यह बस अंधेरे में कैसे आगे बढ़ेगी, यह समस्या होने के कारण वलगांव से आष्टी के दौरान रास्ते पर बस किनारे लगाकर चालक कपिल राठोड़ व वाहक मनीष पुसदकर ने बस के इंजीनियरों को फोन लगाया. इन भंगार बसों की स्थिति सुधारने की मांग अब यात्रियों द्वारा की जा रही है.