75 किलो खारिक का इस्तेमाल कर बडनेरा में साकार किए विघ्नहर्ता

जुनीबस्ती के जयहिंद गणेशोत्सव मंडल का पर्यावरणपूरक अभीनव उपक्रम

अमरावती /दि.2 – बडनेरा शहर के जुनीबस्ती के जयहिंद गणेशोत्सव मंडल के कार्यकर्ताओं ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अपनी कला से पर्यावरणपूरक गणेश मूर्ति साकार की है. इस मंडल में 75 किलो खरिक का इस्तेमाल कर 10 फुट उंची विघ्नहर्ता की मूर्ति साकार की है. इस कारण शहरवासियों के लिए यह मूर्ति आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. यहां दर्शन के लिए श्रध्दालुओं की बडी संख्या में भीड हो रही है.
जयहिंद गणेशोत्सव मंडल का यह 38 वां वर्ष है. मंडल की तरफ से हर वर्ष गणेशोत्सव निमित्त झांकी तथा पर्यावरणपूरक गणेश मूर्ति तैयार कर सामाजिक संदेश देने का प्रयास किया जाता है. इस वर्ष मंडल ने पूजा में इस्तेमाल की जानेवाली खारीक जैसे सूखे मेवे का इस्तेमाल कर गणेशजी की मूर्ति साकार की है. इसके लिए 75 किलो खारीक का इस्तेमाल किया गया है. यह पर्यावरणपूरक मूर्ति साकार करने की कल्पना मंडल के अध्यक्ष प्रज्वल पोकले समेत उपाध्यक्ष मयूर अंबाडकर, सचिव ऋतिक अंबाडकर और मंडल के ही अन्य कार्यकर्ताओं की है. खारीक से साकार की 10 फुट उंची इस आकर्षक मूर्ति को देखने के लिए अमरावती शहर के नागरिकों की भारी भीड हो रही है. जयहिंद गणेशोत्सव मंडल के इस अभिनव उपक्रम की सराहना हो रही है. मंडल में देवेश अंबाडकर, प्रतीक दाभाडे, गौरव अंबाडकर, वैभव अंबाडकर, निकेश निचत, गौरव दातीर, श्रेयस पोकले, अतुल पोकले, आकाश पोकले, प्रतीक अंबाडकर, सर्वेश निचत, अनिकेत दातीर, अंकुश डकरे, भूषण तायडे, मयूर दुधे, वैभव दुधे, आदित्य गडलिंग, वेदांत अंबाडकर, प्रसन्न अंबाडकर, आर्यक अंबाडकर, उत्कर्ष दारोकार, यश वसुले, संस्कार दारोकार आदि का समावेश है.

* गत वर्ष शंखो से साकार की थी गणेश मूर्ति
मंडल ने गत वर्ष 51 किलो समुद्री शंख (सीप) का इस्तेमाल कर गणेशजी की मूर्ति साकार की थी. अब तक मंडल ने कपास, बर्तन, मटके, टोपली, चमकी, गणपति, डिस्को मोती का गणपति, 51 किलो लाल सुपारी का गणपति, विविध सूखा मेवा और उपवास के पदार्थों का गणपति, मोती का गणपति, 9 विविध तरह के 5 हजार चॉकलेट का गणपति, 21 हजार पवित्र रूद्राक्ष का गणपति भी साकार किया है.

Back to top button