हिंसक नक्सलवाद दम तोड रहा, शहरी नक्सलवाद अब भी चुनौती

सीएम फडणवीस ने अराजक तत्वों को हराने का व्यक्त किया संकल्प

गडचिरोली/दि.15 – धीरे-धीरे गांवों तथा जंगलों से हिंसक नक्सलवाद खत्म हो रहा है, लेकिन अब भी शहरी नक्सलवाद एक बडी चुनौती बना हुआ है. शहरी नक्सलवादी संविधान को नहीं मानते. लेकिन उन्हें बाबासाहब का संविधान जरुर पराजित करेगा और हम शहरी नक्सलवाद फैलानेवाले अराजक तत्वों को जरुर हराएंगे, ऐसा संकल्पपूर्ण विश्वास राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किया. साथ ही गडचिरोली में माओवादी नक्सलियों के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस को अब तक मिली सबसे बडी सफलता के लिए नक्सल विरोधी अभियान में जुटे पुलिस अधिकारियों की प्रशंसा भी सीएम देवेंद्र फडणवीस द्वारा की गई.
बता दें कि, गढचिरोली पुलिस सहित राज्य के गृह विभाग द्वारा की गई संयुक्त कार्रवाई के चलते मावोवादी नक्सल आंदोलन के बेहद महत्वपूर्ण नेता रहनेवाले मल्लोजूला वेणुगोपाल राव उर्फ सोनू उर्फ भूपति ने अपने 60 सहयोगियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया. बिना किसी खून-खराबे के 61 माओवादियों द्वारा हथियार नीचे रखते हुए पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का रास्ता चुना गया. जिसके लिए गडचिरोली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अपने विचार व्यक्त करते हुए सीएम फडणवीस ने उपरोक्त प्रतिपादन किया. साथ ही कहा कि, अपने बौद्धिक कौशल्य से नक्सल आंदोलन को खडा करने तथा संगठन को चलाने का काम करनेवाले भूपति जैसे बेहद वरिष्ठ व सुशिक्षित माओवादी कमांडर को हथियार सहित आत्मसमर्पण करते देखना देश के इतिहास के लिहाज से एक बडी बात है. उत्तर गडचिरोली पहले ही हथियारबंद माओवाद से मुक्त हो चुका है. वहीं दक्षिण गडचिरोली में कंपनी-10 के उंगलियों पर गिननेलायक कुछ चुनिंदा माओवादी ही बचे हुए है. अब उन्होंने भी आत्मसमर्पण कर देना चाहिए, इस आशय का आवाहन करते हुए सीएम फडणवीस ने विश्वास जताया कि, बहुत जल्द छत्तीसगढ में भी माओवादी नक्सलियों का एक बडा आत्मसमर्पण होगा.
* कौन है आत्मसमर्पण करनेवाला भूपति
विविध राज्यों द्वारा लगभग 6 करोड रुपयों का इनाम घोषित रहनेवाले सोनू उर्फ भूपति का आत्मसमर्पण बेहद महत्वपूर्ण है. पोलित ब्यूरो मेंबर और सेंट्रल कमिटी मेंबर रहनेवाला भूपति ही वह व्यक्ति है, जिसने गडचिरोली जिले में माओवादी दल निर्माण होने के बाद उन्हें शुरुआती दौर में बौद्धिक व शारीरिक प्रशिक्षण देने का काम किया था और इस पूरे परिसर में माओवाद को स्थापित करने में भूपति ने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई थी. उसने कई हिंसक वारदातों को भी अंजाम दिया था. जिसके चलते उसके नाम पर अलग-अलग राज्यों में अपराधिक मामले दर्ज रहने के साथ ही उसके सिर पर करीब 6 करोड रुपयों का इनाम भी घोषित था. विगत कुछ समय से मोदी सरकार ने नक्सलवाद से निपटने हेतु बेहद सख्त नीति अपनाते हुए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का तेजगति के साथ विकास किया. साथ ही माओवादियों को आत्मसमर्पण करने के लिए भी प्रोत्साहित किया. जिसके चलते जहां एक ओर नक्सल आंदोलन के कई टॉप कमांडरों को मार गिरा गया है, वहीं दूसरी ओर कई टॉप कमांडरों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण भी किया है. जिनमें अब सोनू उर्फ भूपति का नाम भी जुड गया है.

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