एसीबी के दल ने मानोरा तहसील कार्यालय में की कार्रवाई
वाशिम/ दि. 11- वाशिम जिले के मानोरा तहसील कार्यालय में वरिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत मोहन तिडके व उनके कम्प्यूटर ऑपरेटर ठेका कर्मी जगदीश चव्हाण ने शिकायतकर्ता की खेत जमीन को अकृषक बनाने के लिए 40 हजार रूपए की रिश्वत मांगी. 35 वर्षीय शिकायतकर्ता ने एन्टी करप्शन ब्यूरो विभाग में इसकी शिकायत दी. तय प्लान के अनुसार 30 हजार रूपए में आर्थिक समझौता हुआ और नांदुरा के तहसील कार्यालय में 30 हजार रूपए रिश्वत की रकम स्वीकार करते हुए एपीसी के दल ने वरिष्ठ लिपिक व कम्प्यूटर ऑपरेटर को रंगे हाथों धर दबोचा.
वरिष्ठ लिपिक मोहन तिडके (50), ठेका कम्प्यूटर ऑपरेटर जगदीश पृथ्वीराज चव्हाण (31) यह दोनों 30 हजार रूपए की रिश्वत स्वीकार करते हुए गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम है. 35 वर्षीय शिकायतकर्ता ने एन्टी करप्शन ब्यूरो विभाग में दी शिकायत के अनुसार शिकायतकर्ता के मूल गांव के मेड के किनारे रहनेवाले अपने खेत को अकृषक कराने के लिए उन्होंने तहसील कार्यालय मानोरा में नियमानुसार चालान भरकर आवेदन किया था. अकृषक अनुमति देने के लिए वरिष्ठ लिपिक तिडके ने शिकायतकर्ता से 40 हजार रूपए की मांग की. पडताल कार्रवाई के बाद वरिष्ठ लिपिक तिडके ने 30 हजार रूपए की रिश्वत लेने के लिए आपसी समझौता किया. तब एसीबी के दल ने तहसील कार्यालय परिसर में जाल बिछाया. वरिष्ठ लिपिक तिडके ने ठेका कम्प्यूटर ऑपरेटर चव्हाण को रिश्वत के रूपए लेने के लिए भिजवाया. उसने शिकायकर्ता से 30 हजार रूपए लिए. वैसे ही पहले से ही घात लगाकर बैठे एसीपी के दल ने दोनों रिश्वतखोर आरोपियों को धर दबोचा. आरोपियों के खिलाफ मानोरा पुलिस थाने में अपराध दर्ज किया गया. यह कार्रवाई एसीबी के पुलिस अधीक्षक मारोती जगताप, अपर पुलिस अधीक्षक अरूण सावंत, देवीदास घेवारे के मार्गदर्शन में पुलिस उपअधीक्षक गजानन शेलके, पुलिस निरीक्षक महेश भोसले, हवलदार नितीन टवलारकर, विनोद अवगले, विनोद मारकंडे, दुर्गादास जाधव, योगेश खोटे, रवि घरत, चालक शेख नावदे के दल ने की.