अमरावती/दि.9- डॉ. पंजाबराव देशमुख एक व्यक्ति न होकर विचार हैं. उनके द्वारा किए गए कार्य अजरामर होने के साथ ही सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं राजनीतिक ऐसे चारों क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्य अलौकिक है. खेती, मिट्टी, शिक्षा इन विषयों का एवं कृषि क्षेत्र में उनका भरपूर योगदान होने के साथ ही घटना समिति में भी उन्होंने कार्य किया है. उनके सामाजिक व शैक्षणिक योगदान के कारण आज महाराष्ट्र में आमुलाग्र परिवर्तन हुआ है. ऐसे उदगार प्रा. कीर्ती कालमेघ ने व्यक्त किए. श्री शिवाजी शिक्षण संस्था द्वारा संचालित श्री रामराव सरनाईक समाजकार्य महाविद्यालय वाशिम में डॉ. भाऊसाहेब पंडाबराव देशमुख की 125 वीं जयंती निमित्त श्री शिवाजी शिक्षण संस्था अमरावती द्वारा संचालित व डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यापीठ अकोला संलग्नित श्री शिवाजी उद्यानविद्या महाविद्यालय अमरावती द्वारा व्याख्यान का आयोजन किया गया. इस निमित्त इस समय व्यासपीठ से प्रा. कीर्ती कालमेघ बनकर बोल रही थी. भाऊसाहेब की 125 वीं जयंती निमित्त 125 व्याख्यान का आयोजन संपूर्ण भारतभर में किया गया है. महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. किशोर वाहने की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में शिवाजी उद्यानविद्या महा. अमरावती के प्राचार्य डॉ. शशांक देशमुख, प्रा. जयश्री कडू, ज्येष्ठ प्रा. डॉ. संजय सालविकर मंचासीन थे.
कार्यक्रम की शुरुआत में शिक्षणमहर्षी कृषिरत्न डॉ. पंजाबराव उर्फ भाऊसाहब देशमुख की प्रतिमा का पूजन कर दीप प्रज्वलन किया गया. पश्चात महाविद्यालय की ओर से रामराव सरनाईक समाजकार्य महाविद्यालय को डॉ. पंजाबराव देशमुख की प्रतिमा व उनके जीवन चरित्र पर आधारित पुस्तक भेंट की गई. इस समय डॉ. शशांक देशमुख ने भाऊसाहेब के कार्यों पर संक्षिप्त समीक्षा की. पश्चात प्रा. कीर्ती कालमेघ ने भाऊसाहेब द्वारा किए गए कार्यों का गौरव कर विद्यार्थियों के समक्ष अपने विचार व्यक्त किए. प्रास्ताविक डॉ. संजय सालविकर, संचालन प्रा. गजानन बारड ने एवं आभार प्रदर्शन प्रा. डॉ. वसंत राठोड ने किया. कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी व विद्यार्थी व परिसर के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे.