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वाशिम में शहीद गोरे की अंत्येष्टि

चिलचिलाती धूप के बावजूद हजारों उमडे

* लोगों ने बरसाएं फूल, अमर रहे के गगनभेदी नारे
वाशिम/दि.19- भारत-चीन सीमा पर अरुणाचल प्रदेश के उहवारी यांगबंग में अपने साथियों को बचाने के बाद प्राण न्यौछावर कर देनेवाले जिले के सोनखास निवासी पैरा कमांडो अमोल तानाजी गोरे की आज भरी दोपहर कडी धूप में निकाली गई अंत्येष्टी में हजारों लोग उमडे. महिलाएं भी आई. चिलचिलाती धूप की परवाह किए बगैर अनेक शालाओं के बच्चों ने भी वीर जवान को अंतिम प्रणाम किया और सैल्यूट किया. गोरे की शहादत की खबर मंगलवार को वाशिम पहुंची थी. जिसके बाद प्रशासन ने पूरे सैनिक व शासकीय सम्मान से अंतिम संस्कार की तैयारी की थी.
अमोल गोरे का पार्थिव आज तडके 2 बजे गुवाहाटी से पुणे पहुंचा. वहां से विशेष वाहन से सोनखास लाया गया. उन्हें सैन्य सलामी दी गई. अपने जिले के जवान के वीरगति को प्राप्त होने की खबर वाशिमवासियों को हो गई थी. जिसके कारण पूरे शहर के प्रतिष्ठान बंद रखे गए. उसी ्रप्रकार चौक-चौक में श्रद्धांजलि अर्पण करने लोगों ने भीड की. डीजे पर देशभक्ति के गीत भी जगह-जगह बजाए गए. दोपहर 1 बजे जब पार्थिव लाया गया तब नागरिकों के साथ विविध शालाओं के विद्यार्थियों ने अमोल गोरे अमर रहे के गगनभेदी नारे लगाए. समाचार लिखे जाने तक अंतिम यात्रा आगे बढ रही थी. कई लोगों ने घरों से अंतिमयात्रा पर फूल बरसाएं. बता दें कि अमोल गोरे अपने दो साथियों को बाढ से बचाते हुए वीरगति को प्राप्त हुए.

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