प्रतिनिधि/दि.४ वाशिम – कोरोना की पाश्र्वभूमि पर दहशत के कारण डॉक्टरों ने अपने अस्पताल बंद कर दिये है. अगर कोई मरीज कोरोना बाधित निकला, तो डॉक्टर को भी खतरा बढ जाता है. इसी डर को लेकर डॉक्टर मरीजों की जांच नहीं कर रहे थे. किंतु अब वाशिम के शासकीय तंत्र निकेतन के पूर्व अभियंता सत्यनारायण भड ने १० फुट का स्टेथोस्कोप तैयार कर लिया है. जिससे मरीजों की जांच में सोशल डिस्टंसिंग को ध्यान में रखते हुए यह यंत्र कारगर सिद्ध होगा. अस्पताल में इसका उपयोग भी शुरु किया जा चुका है. राज्य के हर शहर में दिनों-दिन कोरोना का संक्रमण तेज गति से बढ रहा है. इसकी वजह से डॉक्टरों में भी दहशत है. जिसके कारण अस्पताल बंद है. qकतु अब इस उपकरण की सहायता से दुर से ही मरीज की जांच की जाती है. यह अनोखा अविष्कार पूर्व अभियंता भड ने कर दिखाया है. इतना ही नहीं उन्होंने इस उपकरण को लेकर डॉक्टरों का मार्गदर्शन भी किया. जिसके सहयोग से १० फुट के अंतर से ही मरीज की जांच की जाएगी. इस उपक्रम को ३ मोड पर इस्तेमाल किया जा सकता है. जिसमें वायर्ड बोर्ड, ब्लू टुथ मोड के अलावा मोबाइल से भी इसे जोडा जा सकता है. पूर्व अभियंता सत्यनारायण भड ने शहर के सुप्रसिद्ध हृदयरोग तज्ञ डॉ. अरुण बिबेकर के मार्गदर्शन में यह उपकरण तैयार किया है. स्टेथोस्कोप जैस दिखने वाले इस उपकरण को हेडफोन से जोडा गया है. ठिक सामने स्थित वायर के माध्यम से विद्युत तरंगों द्बारा इसे जोडा गया है. जिसमें हृदयरोग व फुसफुस मोड दो पर्याय है. इसके दो बटन भी है. यह उपकरण होम थिएटर सिस्टम को भी जोडा गया है. जिससे मरीजों की धडकन सुनी जा सकती है. यह उपकरण पूर्व अभियंता भड ने १५ दिनों में तैयार किया है और इसका स्थानीय बिबेकर अस्पताल में प्राथमिक परिक्षण भी किया गया है.