जलापूर्ति योजनाओं के लिए अत्याधुनिक तकनीक की जरूरत: विधायक संजय खोडके

‘स्मार्ट वॉटर मैनेजमेंट’ पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार

अमरावती/दि.29 -घर-घर तक स्वच्छ, शुद्ध और पर्याप्त मात्रा में पानी पहुँचाने के लिए पानी आपूर्ति योजनाओं में आधुनिक तकनीक का समावेश अत्यंत आवश्यक है, ऐसा वक्तव्य विधान परिषद सदस्य विधायक संजय खोडके ने किया. इंडियन वॉटर वर्क्स एसोसिएशन और दि इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, अमरावती की ओर से ‘स्मार्ट वॉटर मैनेजमेंट’ विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार 26 जुलाई को अभियंता भवन, शेगांव नाका परिसर में आयोजित किया गया. इस अवसर पर वे बोल रहे थे.
इस सेमिनार का उद्घाटन विधायक संजय खोडके के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के मुख्य अभियंता संतोष गव्हाणकर ने की. प्रमुख अतिथि के रूप में आनंद जाधव, डॉ. ओंकार मुखर्जी, प्रो. डॉ. नितीन इंगोले, सचिव विवेक सोलंके और प्रो. राम विघ्ने उपस्थित थे.
विधायक संजय खोडके ने अपने भाषण में कहा कि जलापूर्ति योजनाएं टिकाऊ और पूर्ण क्षमते से चलाने के लिए उसमें स्मार्ट उपकरणों, आधुनिक मशीनों, जीआईएस, ऑटोमेटेड वॉल्व्स, स्मार्ट वॉटर मीटरिंग जैसे उपायों का समावेश जरूरी है. उन्होंने 900 करोड रुपये की अमरावती विस्तारित जल योजना का उल्लेख करते हुए इसे जनप्रतिनिधियों की मजबूत इच्छाशक्ति का प्रतीक बताया.
मुख्य अभियंता संतोष गव्हाणकर ने कहा कि बढती शहरीकरण और जनसंख्या के चलते जलापूर्ति पर दबाव बढ रहा है, और तकनीकी व गैर-तकनीकी कुशल मानवबल की कमी को देखते हुए अब स्मार्ट तकनीक की अनिवार्यता सामने आ रही है. सेमिनार के प्रारंभिक सत्र की प्रस्तावना डॉ. नितीन इंगोले ने रखी. और आभार प्रदर्शन उपअभियंता नरेंद्र शेलके ने किया.
सेमिनार के दूसरे सत्र में देशभर के चार विशेषज्ञों अमित वैद्य (पुणे), बिरेन दलाल (अहमदाबाद), विक्रांत जोशी (नागपुर) और रवि सोलंकी (दिल्ली) ने स्मार्ट वॉटर डिस्ट्रीब्यूशन, ऑटोमेटेड वॉटर मीटरिंग, जीआईएस प्रणाली, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक-एक घंटे का प्रभावशाली सत्र लिया. समापन समारोह में संतोष गव्हाणकर ने वक्ताओं के प्रस्तुतिकरण पर प्रकाश डालते हुए नई तकनीक को समय की मांग बताया और सभी को धन्यवाद दिया. सेमिनार के समन्वयक इंजीनियर प्रदीप कोल्हे थे. संचालन समृद्धि सगणे-निस्ताने व रश्मि वाडे ने किया. कार्यक्रम में 300 से अधिक जलापूर्ति और अन्य विभागों के अभियंता, ठेकेदार, मार्गदर्शक, अभियांत्रिकी महाविद्यालयों के प्राध्यापक तथा राम मेघे इंजीनियरिंग कॉलेज और शासकीय तंत्रनिकेतन के अंतिम वर्ष के विद्यार्थी बडी संख्या में उपस्थित थे.

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