सर्वाधिक टैक्स भरते हैं, अब हमारा नया दल, कबूतर हमारा चुनाव चिन्ह
जैन मुनि ने की जन कल्याण पार्टी की घोषणा

* कबूतरों की रक्षार्थ मैदान में
* युति की सरकार गिराने तक की बातें
मुंबई/ दि. 11- बीते दो महीने से यहां चर्चित कबूतर खाना का विषय और गरमा गया है. जैन मुनियों ने आज यहां धर्मसभा लेकर पत्रकार परिषद ली. जिसमें कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की. जैन मुनियों ने दावा किया कि कबूतर बचाने के लिए वे किसी भी स्तर तक जा सकते हैं. यहां तक कह दिया कि कबूतर के कारण महायुति की सरकार चली जायेगी. अपनी जनकल्याण पार्टी का ऐलान भी इस समय किए जाने का समाचार है.
नीलेश मुनि ने कहा कि सरकार को सनातन धर्म आगाह कर रहा है. महाराष्ट्र का मराठी मानुस कबूतर का विरोध नहीं करता. जैन मुनि नीलेशचंद्र विजय ने कहा कि जैन समाचार सर्वाधिक टैक्स भरता है. अब हमारा भी संगठन होगा. महापालिका चुनाव में उम्मीदवार खडे करेंगे. शिवसेना का बाघ चिन्ह था. हमारा कबूतर रहेगा, नीलेश मुनि ने कहा कि चादर- फादर छोडकर हमारी जन कल्याण पार्टी में सभी को प्रवेश रहेगा. यह गुजराती और मारवाडी की पार्टी है.
प्याज के कारण कांग्रेंस की सरकार गिरने का उल्लेख करते हुए नीलेश मुनि ने कहा कि कबूतरों के कारण महायुति की सरकार जायेगी. शिवसेना विधायक मनीषा कायंदे को नीलेश मुनि ने चेतावनी दी. मुनि ने कहा कि वे ताई को नहीं पहचानते. डीसीएम एकनाथ शिंदे से कहना चाहते हैं कि जो पागल हो गये हैं. उन्हें संभालें.
डॉक्टर मूर्ख, कबूतर शांतिप्रिय प्राणी
धर्मसभा में जैन मुनि कैवल्य रत्न महाराज ने तमतमाते हुए अंदाज में काफी कुछ कहा. उन्होंने कहा कि कबूतर शांतिप्रिय प्राणी है. रावण के सामने जटायु पक्षी आया था. इसलिए पक्षी कितने महत्वपूर्ण है, इसकी जानकारी तभी से लोगों को है. एक पक्षी के लिए श्रीराम ने काफी कुछ किया. यह राम की भूमि है. मैं डॉक्टरों को भी मूर्ख मानता हूं. एक दो लोग मर गये तो क्या होता है ? रोज सामान्य लोगों की जान जाती है, उसका विचार सरकार क्यों नही करती ? कबूतर खाने से राजनीति शुरू है. मंत्री मंगल प्रभात लोढा आज की धर्मसभा में नहीं आए. कैवल्य रत्न महाराज ने इस बात पर भी सवाल उठाया. उन्होंने आरोप किया कि सब मिली भगत है.
बिफरी मनसे और शिवसेना
कैवल्य रत्न महाराज और जैन मुनियों के बेलगाम वक्तव्यों पर शिवसेना विधायक मनीषा कायंदे और मनसे नेता अविनाश अभ्यंकर ने तीखा प्रत्युत्तर दिया है. अभ्यंकर ने कहा कि टैक्स भरने से क्या मुंबई पर अधिकार जतायेंगे ?. संपूर्ण देश में महाराष्ट्र की भूमि उपजाउ है. मराठी मानुस गर्दन झुकने तक ईमान से काम करता है. वह किसी को भी धोखा देकर, बैंक डुबाकर विदेश नहीं भाग जेता. जिसके पास काम करता है इमान से करता है. मराठी लोगों ने अत्यंत सहिष्णु होकर अन्य राज्य के लोगों को यहां जगह दी. आज वे ही मुंबई पर हक बता रहे हैं.
क्या कबूतर की पूजा कर रहे
शिवसेना विधायक मनीषा कायंदे भी जैन मुनि के वक्तव्य से भडक उठी. उन्होंने कहा कि जैन लोग घर में कबूतर की फोटो लगाकर पूजा कर रहे हैं क्या ? वह एक पक्षी है. घर में चूहा आने पर हम उसे गणपति का वाहन बताकर प्रणाम नहीं करते. अनेक प्राणी है जो मनुष्य को हानि पहुंचाते है. कबूतर के कारण फेफडे के रोगी बढ रहे है. यह सिध्द हो गया है. मराठवाडा ेंमें भी अनेक जानवरों की जान चली गई है.
उधर सुरेश महाराज और स्वरूपानंद जी महाराज ने जैन मुनियों के स्वर में स्वर मिलाकर कबूतरों की रक्षा की हिमायत की. सुरेश महाराज ने कहा कि कबूतर और गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित किया जाना चाहिए. वे इसके लिए पीएम मोदी से विनती करते हैं. वहीं स्वरूपानंद जी महाराज ने कहा कि कबूतरों के पक्ष में साधू संत सडकों पर उतर सकते हैं. यह सरकार साधू संतों के प्रचार प्रसार से ही चुनी गई है.





